वित्त मंत्री सीता निर्मलारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया। इनकम स्लैब में राहत के बीच यूपी में सपा और बसपा पार्टियों के राष्ट्रीय सचिवों की तरफ से प्रतिक्रिया आई। अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है। मगर जब जनता को पहले कुछ ना दिया तो आप क्या देगी।
पिछले नौ वर्षो में जो उम्मीद दी वो न पूरी हुई
बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा कि देश में पहले की तरह पिछले 9 सालों में केंद्र सरकार के बजट आते-जाते रहे हैं। इसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही। मगर वे सब बेमानी हो गए। जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद।
इस साल के बजट में कुछ खास नहीं
उन्होंने लिखा कि इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं है। पिछले साल की कमियां कोई सरकार नहीं बताती। नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है। जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है। जैसे पहले था...। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, फिर झूठी उम्मीदें क्यों?
सरकार किसानों पर ध्यान दें
मायावती ने कहा कि सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीब किसानों और मेहनतकश लोगों पर पड़ता है। जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं। असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो।
आप पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह कहते हैं कि न किसानों की एमएसपी बढ़ी। न नौजवानों को रोजगार मिला। लेकिन मोदी जी का अमृत काल है। निर्मला जी कह रही हैं कि प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी हो गई। किसकी?