मौसम में भले ही बदलाव हो रहा हो पर कमजोर दिल वालों पर आफत नहीं थम रही है। कानपुर में बीते 24 घंटे में 122 मरीजों को हार्ट अटैक आया। जिन्हें LPS कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया। रोगियों के अचानक आने के बाद 1 और वार्ड तैयार करना पड़ा। यहां एक मरीज की मौत हुई, जिसे अस्पताल तक लाने में देरी हुई थी। अगर इस पूरे महीने की बात करें तो इस अस्पताल की इमरजेंसी फुल ही रही। गंभीर मरीजों को इलाज के बाद HDU में शिफ्ट किया जा रहा है।
22 जनवरी को रिकॉर्ड 139 मरीज भर्ती हुए
पहली जनवरी से पड़ रही कड़ाके की सर्दी के चलते हार्ट संबंधित समस्याएं बढ़ गईं हैं। 22 जनवरी को रिकॉर्ड 139 मरीज भर्ती किए गए थे। ठंड का एक्सपोजर होने से हार्ट अटैक और एनजाइना की घटनाएं बढ़ गई हैं। डॉ. एसके सिन्हा के मुताबिक ठंडा-गर्म और मौसम में आ रहे अचानक उतार-चढ़ाव से लोगों को अंदाजा नहीं हो पाता है। कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री ब्लॉकेज के तौर पर सामने आ रही है।
17 शहरों से मरीज यहां पहुंच रहे
2 दिन से कानपुर ही नहीं आसपास के 17 जिलों से दिल के मरीजों का आना जारी है। इन शहरों में औरैया, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर देहात, एटा, मैनपुरी, झांसी, चित्रकूट, आगरा, बांदा, हमीरपुर, जालौनी, राठ, भिंड, उन्नाव, महोबा शामिल हैं। इसलिए मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। कार्डियोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक आर्टरी में ब्लॉकेज के कारण एक महीने में एंजियोप्लास्टी की संख्या 300 पार कर गई है। जबकि जीवनरक्षक इंजेक्शन टेनेक्टप्लेज अब तक 400 मरीजों तक को देना पड़ा है।
बेड के अभाव में भी इलाज जारी
LPS कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रो. विनय कृष्णा ने बताया कि शाम तक ओपीडी चल रही है। कानपुर के साथ सभी जिलों के मरीजों की भीड़ आ रही है इसलिए जगह कम पड़ रही है। किसी को भी बेड के अभाव में वापस नहीं किया जा रहा है। उन्हें इलाज देने के बाद ही शिफ्ट किया जा रहा है। दिल के मरीजों को अभी कुछ दिन अलर्ट रहने की जरूरत है।
कानपुर में 9 दिन में 125 की हार्ट अटैक से मौत; डॉक्टर बोले- अटैक के बाद 6 घंटे अहम
कानपुर में ठंड का कहर जानलेवा हो गया है। हार्ट अटैक से 9 दिनों में 125 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े और बढ़ सकते थे, लेकिन एक इंजेक्शन हार्ट पेशेंट की जान बचा रहा है। टाइम से अस्पताल पहुंचने वालों को तत्काल ये इंजेक्शन डॉक्टर्स दे रहे हैं। 9 दिन में हार्ट अटैक के 136 पेशेंट की जान बच चुकी है। 24 लोगों की ब्रेन अटैक से भी इन नौ दिनों में मौत हो चुकी है। एक इंजेक्शन ने बचाई 136 की जान