लखनऊ में मंगलवार शाम तीन मंजिला SS कॉम्प्लेक्स में भीषण आग लग गई। हादसे में एक युवक की जिंदा जलकर मौत हो गई। जबकि 17 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में ई-रिक्शा की बैट्री की दुकान है। चार्जिंग सेंटर में भी बैट्री रखी थी। आग लगने के बाद एक के बाद एक चार-पांच बैट्रियां तेज धमाकों के साथ फट गईं।
धमाके से पूरा इलाका दहल गया। जहरीला धुआं भरने से दूसरी मंजिल पर स्थित जिम में कसरत करने वालों की सांस फूलने लगीं। सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मी मौके पर पहुंचे। बिल्डिंग के शीशे तोड़े और बगल से सीढ़ियां लगाकर जिम में फंसे 17 लोगों को बाहर निकाला। करीब एक घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
मानक के विपरित बनी थी बिल्डिंग
शुरुआती जांच पड़ताल में सामने आया है कि बिल्डिंग की फायर NOC नहीं थी। इसके साथ ही मानक के विपरीत बिल्डिंग बनी थी। दूसरा रास्ता न होने से आग में फंसे लोगों की जान जोखिम में पड़ गई। वहीं दमकल कर्मियों को भी आग बुझाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
दुकान का मैनेजर बाहर नहीं निकल सका, जलकर मौत
दुकान के भीतर मौजूद मैनेजर अश्वनी पांडेय (35) बाहर नहीं निकल सका। जिससे उसकी जलकर मौत हो गई। वहीं, जिम में मौजूद करीब 17 लोग भी फंस गए। सूचना पर पुलिस बल और फायर ब्रिगेड कर्मी मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे की जद्दोजहद के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
बिल्डिंग में कई खामियां
एसएस टावर के अवैध रूप से बने होने की बात सामने आई है। वहां से निकलने का दूसरा रास्ता तक नहीं था। LDA और प्रशासनिक अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान कई कमियां मिलीं। LDA के इंजीनियरों ने बताया कि बिल्डिंग में सेटबैक भी नहीं मिला है। नक्शे की जांच होगी।
बिल्डिंग मानक के तहत नहीं बनी है। इसमें ना पार्किंग है और ना कोई सेट बैक छोड़ा गया है। बुधवार को नए सिरे से प्राधिकरण इंजीनियरों की टीम जांच करने मौके पर जाएगी।
कॉम्प्लेक्स की फाइल नहीं खोज पाए अधिकारी
सूत्रों के मुताबिक घटना के बाद हरकत में आए LDA के अधिकारियों ने रात में ही बिल्डिंग की फाइल तलाशना शुरू कर दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। LDA इंजीनियरों ने कहा कि अगर आवासीय नक्शा पास कराकर कॉम्प्लेक्स बनाया गया होगा तो बिल्डिंग ध्वस्त होगी। क्योंकि भू उपयोग के विपरीत निर्माण होने पर कोई रियायत नहीं मिलती है। फिलहाल जांच के बाद ही कार्रवाई होगी।
फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियों ने आग पर पाया काबू
फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियों ने दो घंटे बाद आग पर काबू पाया। धमाकों की वजह से फायर ब्रिगेड की टीम को आग बुझाने में दिक्कत आई, क्योंकि उनको भी खतरा था। हालांकि उन सभी ने किसी तरह से समय रहते आग बुझाई। जिससे आग आस-पास नहीं फैली। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना देकर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
ई-रिक्शा चार्जिंग सेंटर पर भड़की आग
विराम खंड गोमतीनगर निवासी अनिल राठौर का बादशाहनगर में SS कॉम्प्लेक्स है। ग्राउंड फ्लोर पर यूको बैंक का दफ्तर है। पहली मंजिल पर ई-रिक्शा चार्जिंग सेंटर और तीसरी मंजिल पर ओलंपिया जिम है। शाम करीब साढ़े 5 बजे चार्जिंग सेंटर में अचानक आग लग गई। चंद सेकेंड में आग पूरी दुकान में फैल गई।
फंसे लोगों को फायर ब्रिगेड की टीम ने बाहर निकाला
पेट्रोल पंप बंद किया गया
कॉम्प्लेक्स से सटा हुआ पेट्रोल पंप है। आग लगते ही पेट्रोल पंप को बंद कर दिया गया था। जिससे पंप आग की चपेट में न आ सके। पंप के कर्मचारी व मैनेजर ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया। पंप पर मौजूद अग्निशमन उपकरणों का इस्तेमाल किया। जिससे आग को फैलने से रोकने में मदद मिली।
शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका
चीफ फायर ऑफिसर मंगेश कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर आग कैसे लगी। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी लगी इस टावर में आग, नहीं चेता प्रशासन
बादशाह नगर स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला एसएस टावर में पहले भी आग लग चुकी है। यह जानकारी आस-पास के दुकानदारों ने पुलिस को दी। कॉम्प्लेक्स के पास स्थित पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बताया चार्जिंग स्टेशन में पहले भी आग लग चुकी है।
डीएम ने दिए मामले की जांच के आदेश
डीएम सूर्यपाल गंगवार आग की घटना के जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने घटनास्थल पर मौजूद लोगों से हादसे के बारे में पूछा। उन्होंने एक कर्मचारी की मौत होने पर एडीएम वित्त हिमांशु गुप्ता से जांच के लिए कहा। इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।