लखनऊ में NIA/ATS की कोर्ट ने आतंकी मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है। वह गोरखनाथ मंदिर हमले का दोषी है। उसने 4 अप्रैल 2022 को मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर बांका से हमला किया था। उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी। अप्रैल 2022 में मामले की रिपोर्ट विनय कुमार मिश्रा ने गोरखपुर के गोरखनाथ थाने में दर्ज कराई थी। लखनऊ में NIA/ATS की अदालत के विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने सजा पर सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय की थी। जिसके बाद कोर्ट ने आज इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
PAC जवानों पर बांकी से किया था हमला
4अप्रैल, 2022 को PAC जवानों पर हमला किए जाने के मामले की रिपोर्ट विनय कुमार मिश्र ने थाना गोरखनाथ में दर्ज कराई थी। वादी मुकदमा विनय कुमार मिश्रा के अनुसार, गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC के जवान अनिल कुमार पासवान पर आरोपी ने अचानक बाके से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसका असला भी छीनने का प्रयास किया। उनका राइफल सड़क पर गिर गया। उन्हें बचाने के लिए दूसरा जवान आया तो जान से मारने की नीयत से उस पर हमला धारदार हथियार से किया गया।
राइफल छिनने की भी कोशिश की थी
मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने घायल जवान व उनके राइफल को उठाया। इस दौरान बांका लहराते हुए व नारा -ए- तकबीर, अल्लाह हू अकबर का नारा लगाते हुए अहमद मुर्तुजा PAC की पोस्ट की ओर दौड़ा था। इससे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल मच गया था। इसके हाथ पर एक बड़े बांस से प्रहार किया गया। इसके बांका नीचे गिर गया। जिसके बाद जवानों ने मुर्तजा को पकड़ लिया गया था।
उर्दू भाषा में लिखी किताबे मिली थी
पकड़े गए अहमद मुर्तजा के पास से उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी। सरकारी वकील एमके सिंह के अनुसार विवेचना के दौरान हासिल साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में विधि खिलाफ क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16/18/20/ 40 की बढ़ोतरी की गई है। विवेचना ATS को सौंपी गई थी। 25 अप्रैल 2022 को विशेष अदालत में पेश कर इस मामले में ATS ने पुलिस कस्टडी लेकर रिमांड भी हासिल की थी।
UAPA के तहत मुर्तजा को आंतकी घोषित की थी ATS
दरअसल, इससे पहले इस मामले की जांच कर रही UP ATS ने मुर्तजा को UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी घोषित की थी। इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है। हालांकि, मुर्तजा को सजा सुनाए जाने से पहले उसके परिवार के लोग घर छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं। फिलहाल मुर्तजा के घर पर कोई नहीं है।
2 अप्रैल 2022 को मुर्तजा के घर पहुंची थी ATS
दरअसल, खुफिया एजेंसी ने 31 मार्च को ही UP पुलिस को 16 संदिग्धों की प्रोफाइल भेजी थी। इनकी विदेशों से संदिग्ध बातचीत हो रही थी या ट्रांजेक्शन हुए थे। उनमें एक नाम मुर्तजा का भी था। गोरखपुर में रहने वाले मुर्तजा के पिता मुनीर अहद अब्बासी का दावा है कि 2 अप्रैल को उनके घर पर 2 लोग पहुंचे थे। वे सादी वर्दी में थे।
उन्होंने कहा था कि मुर्तजा की तलाश कर रहे हैं। उसके खिलाफ समन जारी हुआ है। कोई 35 लाख रुपए से जुड़ा मामला है। जब अब्बासी ने कागजात मांगे तो मुर्तजा को बुलाने के लिए कहा। कुछ देर बाद दोनों शख्स वापस चले गए। मुर्तजा के परिवार वालों के मुताबिक, गाड़ी नंबर और CCTV फुटेज के आधार पर पता चला कि दोनों शख्स ATS के लोग थे।
ताकि डायवर्ट हो जाए ATS
मुर्तजा के परिवार ने इसकी जानकारी उसे दी तो वह पूरी कहानी समझ गया। उसे पता था कि वह ATS की रडार पर आ चुका है और अब उसका बच पाना मुश्किल है। ऐसे में अगर ATS उस तक पहुंची तो उसके पूरे स्लीपर सेल नेटवर्क का पर्दाफाश हो जाएगा। उसने तत्काल अपनी डिटेल्स मिटा दी, फोन फॉर्मेट कर दिया और एक ऐसा हमला प्लान किया, जिसमें पुलिस उसे गोली मार दे। ताकि ATS को नए मामले में उलझाकर डायवर्ट किया जा सके।
अब आइए जानते हैं, कौन है मुर्तजा अब्बासी...?
रसूखदार परिवार का बेटा है मुर्तजा
मुर्तजा गोरखपुर के एक रसूखदार परिवार का इकलौता बेटा है। मुर्तजा की फैमली सिविल लाइंस में रहता है। मुर्तजा ने भी किसी मामूली संस्थान से नहीं बल्कि उसने IIT मुंबई से इंजीनियरिंग की है। यहां के स्टूडेंट्स बेहद शॉर्प और होनहार माने जाते हैं।
उसके पिता कई बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लीगल एडवाइजर हैं। चाचा डॉ. केए अब्बासी शहर के एक फेमस डॉक्टर हैं। वह सिविल लाइन पार्क रोड रोड स्थित अब्बासी नर्सिंग होम चलाते हैं। इतना ही नहीं, दादा गोरखपुर के जिला जज भी रह चुके हैं। उनके भाई का नाम शहर के नामी चार्टेड अकाउंटेंट्स में से एक रहा है।