नई दिल्ली. शेफाली वर्मा की अगुआई वाली भारतीय महिला अंडर-19 टीम ने दक्षिण अफ्रीका में कमाल कर दिया. पहली बार खेले गए अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता. भारत ने फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से मात दी. पहली बार वर्ल्ड कप का आयोजन होना और पहले ही मौके पर मैदान मार लेना, बड़ी बात होती है. शायद यही वजह है कि भारत की इन बेटियों की चौतरफा तारीफ हो रही. हालांकि, भारत को विश्व विजेता बनाने वाली बेटियों के क्रिकेटर बनने की कहानी में काफी संघर्ष, जिद और जुनून छिपा हुआ है. किसी बेटी के लिए पिता ने जमीन बेच दी, तो किसी के सिर से 4 बरस की उम्र में ही पिता का साया उठ गया. लेकिन क्रिकेटर बनने की जिद हर दुख-दर्द के आगे बड़ी साबित हुई.
शेफाली की वर्ल्ड चैंपियन टीम में ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं उत्तर प्रदेश की अर्चना देवी. उन्होंने 4 बरस की उम्र में पिता को खो दिया था. फिर भाई की भी मौत हो गई. लेकिन तमाम दुश्वारियों के बावजूद वो क्रिकेटर बनीं और आज विश्व चैंपियन. उनके टीम इंडिया तक पहुंचने के सफऱ में भारतीय चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव का भी अहम योगदान है. कुलदीप ने ही अर्चना के दिल में बड़े मुकाम तक पहुंचाने की आग जलाई थी और आज उसी के दम पर अर्चना यहां तक पहुंचीं और भारत से 8 हजार किलोमीटर दूर विश्व कप जीतकर कुलदीप का मान बढ़ाया
क्या है अर्चना का कुलदीप से कनेक्शन?
आखिर कुलदीप यादव का भारतीय महिला अंडर-19 टीम की क्रिकेटर अर्चना से क्या कनेक्शन है? क्यों कुलदीप उनके लिए बड़े भाई जैसे हैं. इसके लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा. दरअसल, अर्चना ने क्रिकेट की एबीसीडी उसी कोच और एकेडमी से सीखी है, जहां से क्रिकेटर का ककहरा सीखने के बाद कुलदीप यादव टीम इंडिया में धूम मचा रहे. दोनों एक ही कोच कपिल पांडे के शागिर्द हैं.
कुलदीप की तरह ही अर्चना भी स्पिनर हैं. स्कूल टीचर पूनम गुप्ता ने पहली बार अर्चना की मुलाकात कुलदीप के कोच कपिल पांडे से कराई थी. उन्हें पहली बार में ही अर्चना की गेंदबाजी पसंद आ गई. अर्चना की आर्थिक स्थिति जानने के बाद कपिल पांडे ने अपने खर्चे पर उन्हें कानपुर में ट्रेनिंग देने का फैसला लिया.
अर्चना को देखकर लग गया था कि भारत के लिए खेलेगी: कोच
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कोच कपिल पांडे ने कहा, “मैंने अर्चना में जुनून देखा था और मुझे अंदर से महसूस हो रहा था कि इस लड़की में टैलेंट है और अगर अच्छा प्लेटफॉर्म मिला तो भारत के लिए जरूर खेलेगी. मैंने कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन में इसका रजिस्ट्रेशन कराया. मैंने उसकी मदद मदद के लिए अपने हिस्से का काम किया. बाकी सब उसकी मेहनत और लगन का नतीजा है
‘कुलदीप भैया ने अर्चना में भारत के लिए खेलने की भूख जगाई’
भाई रोहित ने अर्चना की सफलता में भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव का बड़ा हाथ बताया है. उन्होंने कहा, “अर्चना के अंदर टीम इंडिया के लिए खेलने की भूख और आग कुलदीप यादव ने पैदा की. वो हमेशा कहते थे कि अर्चना तुम्हें भी भारत के लिए क्रिकेट खेलना है.”
रोहित ने कुलदीप और अर्चना से जुड़ी एक कहानी भी सुनाई. उन्होंने कहा, “एक दिन कुलदीप भैया एकेडमी के बच्चों को अपनी महंगी गाड़ी से लंच के लिए लेकर गए. रास्ते में अर्चना ने उनसे पूछा- भैया, ये कौन सी कार है? कुलदीप यादव ने तब उससे कहा था कि जब बड़ी स्टार बन जाओगी तो इससे भी अच्छी गाड़ी लेना और हम सब को बैठाकर सैर कराना.
कुलदीप के दिखाए इसी सपने को अर्चना ने सात समंदर पार दक्षिण अफ्रीका में सच कर दिखाया. अब अर्चना के लिए बड़ी कार या घर खरीदना मुश्किल नहीं होगा.