नई दिल्ली. टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की स्टार स्पिनर बनकर उभरीं पार्श्वी चोपड़ा ने टूर्नामेंट के 6 मैचों में कुल 11 विकेट लिए. फाइनल मुकाबले में उन्होंने इंग्लैंड के 2 प्लेयर्स को अपना शिकार बनाया. वर्ल्ड कप में अपनी घूमती गेंदों से बैटर को परेशान करने वाली पार्श्वी कभी खुद गोल-गोल घूमा करती थीं. दरअसल, 16 साल की यह स्पिनर कभी स्केटिंग की दीवानी थी. जुनून इस हद तक था कि पार्श्वी स्केटिंग को अपना पहला प्यार कहती थीं.
अंडर-19 महिला टीम की ऐतिहासिक जीत पर देशभर में जश्न का माहौल है. बुलंदशहर के सिकंदराबाद में भी खुशियां छाई हुई हैं. पार्श्वी यहीं की रहने वाली हैं. लेग ब्रेक गेंदबाज के पिता गौरव चोपड़ा के मुताबिक, पार्श्वी बचपन से ही क्रिकेट मैच देखती थी. हालांकि, उसे स्केटिंग करने का जुनून था. वह इसमें अच्छा कर भी रही थी. फिर अचानक उसका मन स्केटिंग से हटकर क्रिकेट में रम गया. अब यही खेल उसकी जिंदगी बन चुका है.
बकौल गौरव, हमने पार्श्वी की कोचिंग में कोई कमी नहीं होने दी. उसने दो क्रिकेट अकादमी जॉइन की, ताकि रोजाना ज्यादा से ज्यादा सीखने को मिले. एक अकादमी हफ्ते में तीन से चार दिन ही चलती है. उन्होंने कहा, पार्श्वी ने कामयाबी की पहली सीढ़ी चढ़ी है. सफर लंबा है और सीखने की उम्र कभी खत्म नहीं होती.
पार्श्वी ने वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ मैच में जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 4 ओवर में महज 5 रन देकर 4 विकेट लिए थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्होंने 4 ओवर में 20 रन देकर 3 विकेट हासिल किए. पार्श्वी की मां शीतल चोपड़ा के मुताबिक, जब 10 साल की थी तब से खेल पर मेहनत कर रही है. 12 साल की उम्र ने उसने अपना ट्रायल दिया, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ. जुनूनी पार्श्वी ने अगले साल फिर कोशिश कर कामयाबी हासिल कर ली.