मथुरा के वृंदावन में स्थित मां कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर का शताब्दी समारोह 29 जनवरी से श्रीमद भागवत कथा की शोभायात्रा के साथ शुरू होगा। शोभायात्रा मंदिर से कथा स्थल तक जाएगी। इसके अलावा 8 दिवसीय उत्सव में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शताब्दी वर्ष उत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का कात्यायनी मंदिर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
20 वर्ष में बनकर तैयार हुआ था मंदिर
मथुरा के वृंदावन में स्थित है मां कात्यायनी शक्ति पीठ। 51 शक्ति पीठों में से एक इस स्थान पर मंदिर बनाने की शुरुआत 1903 में हुई थी। मंदिर के संस्थापक केशवानंद महाराज की प्रेरणा से 3 एकड़ में बनना शुरू हुए इस मंदिर का कार्य 1923 में पूरा हुआ। इस मंदिर में मां कात्यायनी के अलावा,शंकराचार्य मंदिर, शिव मंदिर,सरस्वती मंदिर बना हुआ है।
शताब्दी वर्ष में होगा सत चंडी यज्ञ
कात्यायनी ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु प्रकाश, सचिव रवि दयाल, पूर्व सचिव नरेश दयाल एवं ट्रस्टी संजय बहादुर ने बताया कि पांच फरवरी 2023 (माघी पूर्णिमा) को मां कात्यायनी मंदिर के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसी क्रम में 29 जनवरी से 5 फरवरी 2023 तक शताब्दी वर्ष उत्सव 2023 मनाया जा रहा है। जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। श्री मद भागवत कथा के अलावा, सत चंडी यज्ञ,सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाएंगे।
राधारमण मंदिर के श्री वत्स गोस्वामी करेंगे श्री मद भागवत कथा
उत्सव के दौरान मंदिर परिसर में ही ठाकुर राधारमण मंदिर के सेवायत एवं विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास श्री वत्स गोस्वामी महाराज 29 जनवरी से 4 फरवरी 2023 तक प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से सायं 6.30 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मां कात्यायनी और उनके भक्तों को कराएंगे। कथा समापन के बाद रात्रि आठ बजे श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की भी व्यवस्था की गई है। इस दौरान ही मंदिर परिसर में शतचंडी महायज्ञ भी शुरू होगा। मां कात्यायनी को 56 भोग भी अर्पित होगा।
माघ पूर्णिमा को होंगी 4 विशेष आरती
मंदिर ट्रस्ट के सचिव रवि दयाल ने बताया कि 5 फरवरी 2023 को सुबह 10 से 11.30 बजे तक विशेष चार आरती होगी। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का जिक्र करते उन्होंने बताया कि बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए मंदिर के आंगन में लोहे के जाल से डलवा दिया गया है। इस कारण बंदरों की फौज मंदिर के अंदर नहीं आती। श्रद्धालुओं के हाथों के बैग छीनने और आंखों से चश्मा उतार कर नहीं ले जाने की घटना नहीं होती है। उन्होंने बताया कि कथा पंडाल के आसपास लंगूर बंदरों की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि शताब्दी उत्सव में प्रमुख संतों, सांसद, विधायकों समेत अधिकारियों, बुद्धिजीवियों, व्यापारी नेताओं और पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया है।
तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित उत्सव के लिए मंदिर परिसर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिर परिसर को देशी विदेशी फूलों से सजाया जा रहा है तो रंग बिरंगी झालर भी लगाई गई हैं। कथा पंडाल भी आकर्षक रूप से तैयार किया जा रहा है। करीब 2 हजार लोगों की पंडाल में बैठने की व्यवस्था रहेगी।