इस महाशिवरात्रि से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और दर्शन-पूजन को लेकर आमूलचूल बदलाव देखने को मिलेगा। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के गर्भगृह में दर्शन-पूजन कराने पुलिस को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। फरवरी के पहले सप्ताह से काशी में यह नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। VVIP दर्शन के दौरान लोग पुलिस के सिपाही या अधिकारी के साथ सहजता से दर्शन कर पाते थे। अब इस व्यवस्था पर रोक लगने वाली है। पुलिस केवल दूर से नजर रखेगी।
मंदिर प्रशासन दर्शन-पूजन का सारा इंतजाम अपने ऊपर ले रहा है। केवल मंदिर प्रबंधन के कर्मचारियों को ही ज्योर्तिलिंग के दर्शन कराने की अनुमति मिलेगी। मंदिर सुरक्षा के लिए गठित हाई पावर कमेटी फरवरी के शुरुआती सप्ताह में इस फैसले पर मुहर लगा सकती है।
CISF को भेजी है रिपोर्ट
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि सुरक्षा प्रशासन और पुलिस के सुझावों की रिपोर्ट CISF को भेज दिया गया है। महाशिवरात्रि पर भक्तों को नई व्यवस्था मिलेगी। सुरक्षा का नया एक्शन प्लान लागू होगा।
CCTV से निगरानी कर सकेगी पुलिस
बाबा धाम की सुरक्षा पिनाक भवन से हो सकेगी। यहां पर तैनात पुलिस अधिकारी CCTV कैमरे से निगरानी कर सकेंगे। यहां से अधिकारी मंदिर प्रबंधन के संपर्क में रहेंगे। क्राउड मैनेज करने का काम करेंगे। जिस द्वार पर ज्यादा भक्त होंगे, उन्हें दूसरे द्वार की ओर शिफ्ट किया जाएगा। मंदिर में प्रवेश के कुल 4 द्वार हैं। नए साल पर हर दिन औसतन करीब डेढ़ श्रद्धालु रोजाना श्रीकाशी विश्वनाथ दर्शन करने पहुंच रहे हैं। वहीं, विशेष दिनों में तो यह संख्या 3 लाख से भी ज्यादा हो जाती है। सुरक्षा में कुल 1200 जवान तैनात हैं।