बैंको में दो दिवसीय हड़ताल को लेकर बैंककर्मियों ने बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा पर विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय उपश्रमायुक्त, मुंबई की मध्यस्थता में हुई सुलह वार्ता असफल रहने से बैंक यूनियंस ने हड़ताल पर डटे रहने का फैसला लिया।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले विभिन्न बैंको के अधिकारी व कर्मचारी बुधवार को दोपहर भोजनावकाश में बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा पर इकट्ठे हुए। यहाँ अपनी माँगों को लेकर जमकर नारेबाजी की।
यूनाइटेड फोरम के संयोजक आर के पाण्डेय ने कहा कि सुलह वार्ता में बैंक मैनेजमेंट कोई ठोस आश्वासन नहीं दे सका इसलिये 30 व 31 जनवरी की हड़ताल का निर्णय यथावत कायम है। सुलह वार्ता पुनः 27 जनवरी को होगी।
फोरम के डिप्टी चैयरमैन क्षितिज पाठक ने कहा कि हम 5 दिवसीय बैंकिंग, पेंशन अपडेशन, अवशेष मुद्दे, एनपीएस रद्द करने, सभी को नई पेंशन देने की माँग को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं।
बैंक अधिकारी संघ एबाक के पदाधिकारी हर्षित गुप्ता ने कहा कि बैंक मैनेजमैंट हमारी माँगों को लेकर टालमटोल का रवैया अपना रहा है। सुलह वार्ता में वह 15 में द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने की बात कह हड़ताल टलवाना चाहता है।
बैंककर्मी यूनियन एआईबीईए के जिलामंत्री अजय मेहरोत्रा ने कहा कि बैंककर्मी हड़ताल को लेकर कमर कस चुके हैं। इस दो दिन की हड़ताल के लिये जिम्मेदारी पूरी तरह बैंक मैनेजमेंट पर बनती है।
गौरतलब है कि 30 व 31 जनवरी को दो दिन की हड़ताल से पहले 28 को चौथे शनिवार व 29 को रविवार को बैंक बंदी के चलते बैंकें चार दिन लगातार बंद रहेगी।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से आकांक्षा शिवहरे, स्वाति गुप्ता, सौरभ चंदेल, विकास शुक्ला, पुष्पेंद्र कुमार, सत्यम वर्मा, अनुभव धीमान, रमाकांत जायसवाल, रविराज सिंह, संजय कनौजिया, धर्मेंद्र गौतम, राजेश कुमार, संदीप पटेल, आशीष श्रीवास्तव, बंटी कुमार, अनिल , सोनू, आदित्य, कैलाश, अखिलेश मिश्रा, पवन मिश्रा, राजकुमार मौजूद रहे।