राज्य विधानसभा में पेपरलीक पर बहस के दौरान जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पेपरलीक से जुड़े मामले में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के जवाब पर सवाल उठाते हुए इसके विरोध में बायकॉट करने की घोषणा की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पहले पूरा जवाब सुनकर जाइए।
धारीवाल के टोकने पर कटारिया नाराज हो गए और कहा- क्या जवाब सुन लें। इसके बाद कटारिया और धारीवाल के बीच नोकझोंक हो गई। बीजेपी विधायकों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर सीपी जोशी ने हंगामा बढ़ते देख पेपरलीक पर बहस को खत्म कर दिया और 1 बजकर 57 मिनट पर 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
स्पीकर बोले- परंपरा तोड़कर मैंने बहस को मंजूरी दी है
सदन की फिर से कार्यवाही शुरू होने के बाद पेपरलीक पर बहस शुरू हुई। स्पीकरजोशी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दिन स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होती,लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए परंपरा तोड़कर पेपरलीक के स्थगन पर चर्चा की मंजूरी दी है। हमें भर्ती प्रक्रिया से परीक्षाओं के पैटर्न पर चर्चा की जरूरत है।
स्कूलों में खाली पदों पर शिक्षा मंत्री को घेरा
इससे पहले विद्या संबल योजना में सरकारी स्कूलों में गेस्ट फैकल्टी पर टीचर लगाने की योजना पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला सदन में घिरते दिखे। शिक्षा मंत्री ने कहा- गेस्ट फैकल्टी योजना को कुछ समय के लिए स्थगित किया है। इसे रद्द नहीं किया है।
वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के सवाल के जवाब में कल्ला ने कहा कि राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी लोगों को रोकने के लिनए केवल स्थानीय राजस्थानियों के लिए आरक्षण का प्रावधान लागू नहीं होगा।
बजट सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष ने सबसे पहले स्कूलों में खाली पड़े पद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि - इतने समय से पद खाली पड़े हैं। बच्चों को कौन पढ़ाएगा? इस पर मंत्री ने तर्क दिया कि आरक्षण का प्रावधान करने के लिए कुछ समय के लिए योजना स्थगित की है।
अब स्कूल प्रिंसिपल लगा सकेंगे गेस्ट फेकल्टी
इस बीच, स्पीकर सीपी जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा- शिक्षकों के खाली पदों को गेस्ट फैकल्टी से भरने की योजना सिरे नहीं चढ़ी।
आप संविदा पर करना चाहते हैं या केवल गेस्ट फैकल्टी पर। सालभर तक विद्या संबल योजना में पद नहीं भरने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है। इसकी व्यवस्था करें। इस पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा, अब आगे से स्कूल प्रिंसिपल के स्तर पर गेस्ट फैकल्टी लगाए जा सकेंगे। प्रिंसिपल को इसका अधिकार दिया जाएगा।
सरकारी नौकरी में स्थानीय राजस्थानियों को आरक्षण का कोई प्रस्ताव नहीं
बाहरी लोगों को राजस्थान में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से रोकने के संबंध में सरकार के पास फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
आज विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 (2) अनुसार निवास स्थान के आधार पर सार्वजनिक नियोजन में भेदभाव नहीं किया जा सकता।
निवास स्थान के आधार पर सरकारी नौकरी में कानूनी प्रावधान करने का अधिकार अनुच्छेद 16 (3) अनुसार केवल संसद को है।
वर्तमान में प्रदेश की भर्तियों में स्थानीय प्रदेशवासियों के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान नहीं है। आरक्षित वर्गों- एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस की कुल भर्तियों में सें 64% पदों पर केवल राजस्थान के स्थानीय निवासियों से भरे जाने का प्रावधान है। इसके अलावा भूतपूर्व सैनिकों के पद भी स्थानीय निवासियों से भरे जाने का प्रावधान है।
आज फैसला करेंगे स्पीकर
पेपर लीक के अलावा आज उपनेता प्रतिपक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर भी फैसला होगा। सीएम के सलाहकार संयम लोढ़ा ने दो दिन पहले ही विधानसभा सचिव को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था। यह प्रस्ताव खारिज होता है या अनुमति मिलती है। इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
लोढ़ा ने तर्क दिया कि 81 विधायकों के इस्तीफों का मामला विधानसभा स्पीकर के पास लंबित था, उस पर कोई फैसला नहीं किया गया था।
बीजेपी विधायक दल के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस्तीफों पर स्पीकर के फैसले से पहले ही एक दिसंबर 2022 को जनहित याचिका दायर कर दी।
यह स्पीकर की अवमानना तो है ही विधायकों के विशेषाधिकार का हनन है। संयम लोढ़ा ने आज विधानसभा में विशेष अधिकार हनन का प्रस्ताव उठाने की अनुमति मांगी है।
कल सदन में तख्तियां लहराने और लगातार हंगामे के कारण आरएलपी के तीनों विधायकों को सदन से दिन भर के लिए सस्पैंड कर दिया गया था। तीनों विधायकों को मार्शल बुलाकर सदन से निकाला गया था।