भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए आरोपों पर भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने जांच टीम गठित की है। IOA की 7 सदस्यों की जांच कमेटी के सबसे अहम सदस्य पहलवान योगेश्वर दत्त हैं। अहम इसलिए क्योंकि योगेश्वर इस जांच कमेटी में हरियाणा के इकलौते मेंबर हैं। आरोप लगाने वाले रेसलर भी हरियाणा के हैं। वहीं योगेश्वर खुद भी रेसलर रहे हैं।
पूरी जांच को लेकर दैनिक भास्कर ने योगेश्वर दत्त से विस्तृत बातचीत की। जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलवानों को इसकी पुलिस को शिकायत देकर FIR दर्ज करवानी चाहिए। वे यह भी बोले कि अगर बहन-बेटी से यौन उत्पीड़न हुआ है तो कोर्ट उसकी सजा देगा, पूरा देश भी यही चाहता है। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश....
कमेटी कब से अपनी जांच शुरू कर देगी, यह जांच कैसे होगी?
आज से ही जांच शुरू हो जाएगी। कल खिलाड़ियों की केंद्रीय खेल मंत्री के साथ बातचीत में काफी समय लग गया था। आज खिलाड़ियों से संपर्क किया जाएगा। जैसे भी वे अपनी सहूलियत जताएंगे, जांच को वैसे ही शुरू किया जाएगा। खिलाड़ियों से पूछा जाएगा कि वे ऑनलाइन बातचीत करेंगे या ऑफलाइन बात करेंगे।
क्या जांच टाइम बाउंड है?
वैसे कोई टाइम बाउंड नहीं है, लेकिन शुक्रवार को अध्यक्ष PT ऊषा से हुई बातचीत में उन्होंने यही निर्देश दिए थे कि कम से कम समय में यह जांच तथ्यों के साथ पूरी करनी है। इसमें लंबा समय नहीं लगाना है।
क्या जांच के लिए कमेटी भी 4 हफ्तों का समय लेकर चल रही है?
नहीं, वह खेल मंत्री की ओर से तय की गई कमेटी के लिए समय है। हमारी IOA की कमेटी अलग है। हमारी जांच कमेटी की अध्यक्ष मैरी कॉम को बनाया गया है। हम जांच रिपोर्ट उन्हें सौंपेगे। वे यह रिपोर्ट IOA अध्यक्ष PT ऊषा को सौंपेंगी। इसके बाद रिपोर्ट खेल मंत्रालय और PMO को सौंपी जाएगी।
कमेटी बनने के बाद क्या सदस्यों की मीटिंग हुई है?
शुक्रवार को 2 घंटे तक ऑनलाइन मीटिंग हुई थी। इसमें IOA के तमाम पदाधिकारी शामिल थे। इसमें कहा गया है कि सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप बहुत गंभीर हैं। बड़ी बात यह है कि IOA की करीब दो माह पहले ही नई बॉडी बनी है। जिनके पास जांच के लिए पहला ही केस बहुत गंभीर आया है।
आप भी एक खिलाड़ी रहे हैं, क्या आपको लगता है कि खिलाड़ियों के साथ इस तरह का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न होता है?
कोई भी संघ हो, कोई भी खिलाड़ी हो। कहीं न कहीं खिलाड़ियों की कोई न कोई दिक्कतें रहती ही है। इंसान तो भगवान से भी खुश नहीं है। मगर, सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप बहुत गंभीर है। इसलिए इसकी जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
मैं बतौर रेसलर इन खिलाड़ियों को भी यही बोलूंगा कि मैदान में अगर आप आए हो, तो FIR दर्ज करवाओ। क्योंकि तहकीकात का काम पुलिस का होता है, सजा एवं फैसला न्यायालय सुनाता है। बार-बार अगर हम एक ही आरोप लगाएंगे तो वे चीज हल्की हो जाती हैं।
तो क्या इन खिलाड़ियों को पुलिस का सहारा लेना चाहिए था?
बिल्कुल लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे तो कोई किसी पर भी इल्जाम लगा देगा। कुछ समय बाद लोग इसे पब्लिसिटी स्टंट बताने लगते हैं।
आपको सूचना कैसे मिली की आप जांच कमेटी के सदस्य हैं?
मैं IOA का एग्जीक्यूटिव मेंबर हूं। सभी ने कहा कि आप कुश्ती के खिलाड़ी हैं, इसलिए आप इन सब तथ्यों को बहुत ही करीबी से जानते और समझते हो। हो सकता है कि आपको कुछ ज्यादा बातें पता लग जाएं।
आपके और विनेश फोगाट के बीच शुक्रवार को हुए वाद-विवाद से चर्चाएं है कि आप कमेटी के मेंबर हैं, कही जांच प्रभावित न हो। निष्पक्ष जांच हो, आप कैसे प्रयास करेंगे?
मैं तो बोल ही रहा हूं कि इसमें पुलिस को शिकायत दी जानी चाहिए। मैं बजरंग बली हनुमान तो हूं नहीं कि मैं छाती फाड़ कर दिखा दूं। उन खिलाड़ियों से तो ज्यादा मैं उनके लिए खड़ा हूं। क्योंकि बात अध्यक्ष के इस्तीफे की नहीं है। बात है किसी बहन-बेटी के साथ उत्पीड़न हुआ है तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। कोर्ट सजा दे। मैं ही नहीं, बल्कि पूरा देश यही चाहता है।
बता दें कि दिल्ली में धरने के दौरान रेसलर विनेश फोगाट ने योगेश्वर दत्त पर आरोप लगाए थे कि वे फेडरेशन की गोद में जाकर बैठ गए हैं।