नई दिल्ली:PM मोदी आज DGP-IGP के कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे,नेशनल सिक्योरिटी के लिए फ्यूचर स्ट्रेटेजी पर चर्चा होगी, 350 सीनियर पुलिस अधिकारी होंगे शामिल

नई दिल्ली:PM मोदी आज DGP-IGP के कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे,नेशनल सिक्योरिटी के लिए फ्यूचर स्ट्रेटेजी पर चर्चा होगी, 350 सीनियर पुलिस अधिकारी होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली में डायरेक्टर जनरल (DG) और इंस्पेक्टर जनरल (IG) ऑफ पुलिस के ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे। यह सम्मेलन 22 जनवरी तक चलेगा। इसमें नेशनल सिक्योरिटी के लिए फ्यूचर स्ट्रैटजी तैयार की जाएगी। इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के DGP, IG लेवल के देश के करीब 350 सीनियर पुलिस अधिकारी भाग ले रहे हैं।

तीन दिन का ये सम्मलेन दिल्ली के नेशनल एग्रीकल्चर साइंस कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को हाइब्रिड फॉर्मेट में शुरू हुआ। सम्मेलन के पहले दिन गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत PM मोदी के नेतृत्व में और ज्यादा मजबूत, सुरक्षित और अच्छी स्थिति में है।

अब तक कहां-कहां हुआ आयोजन

इससे पहले 2021 में इस सम्मेलन को लखनऊ में हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था। जबकि 2020 में कोविड-19 के दौरान इसे वर्चुअली आयोजित किया गया था। इसके अलावा 2019 में पुणे में, 2017 में टेकनपुर में BSF एकेडमी में, 2016 में हैदराबाद स्थित नेशनल पुलिस एकेडमी में, 2015 में कच्छ के रण में, 2014 में गुवाहाटी में में इसका आयोजन हो चुका है।

बता दें कि 2013 तक इस सम्मेलन की वार्षिक बैठक दिल्ली में होती थी। 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो ने इसे राजधानी के बाहर इस कार्यक्रम का आयोजन करने का फैसला लिया।

केवल नेशनल सिक्योरिटी मामलों पर केंद्रित नहीं

2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी DGP और IGP के सम्मलेन में गहरी रूचि लेते रहे है। मोदी सरकार से पहले विचार-विमर्श काफी हद तक केवल नेशनल सिक्योरिटी के मामलों पर केंद्रित था। एक अधिकारी ने बताया कि 2014 से इन सम्मेलनों में नेशनल सिक्योरिटी के साथ-साथ क्राइम पर कंट्रोल और अपराधियों की पहचान, कम्यूनिटी पुलिसिंग, लॉ एंड ऑर्डर, पुलिस की छवि में सुधार जैसे मुद्दों पर मुख्य रूप से फोकस किया गया।

कर्नाटक विधान परिषद में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी पार्टी के नेताओं को मुसलमानों को विश्वास में लेने के लिए कहना शैतान के धर्मग्रंथों का उपदेश देने जैसा है। चुनाव के दौरान वे इस तरह की नौटंकी करना चाहते हैं, लेकिन लोग इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। 


 russh2
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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