कनाडा के मूल निवासियों के एक समूह को एक रडार सिस्टम के जरिए इमारत के नीचे 171 बच्चों की कब्र मिली है। कनाडा में मूल निवासी उन लोगों को कहा जाता है जो वहां अंग्रेजों के कब्जे के पहले से ही रह रहे थे। ओन्टारियो में जिस इमारत के नीचे कब्र मिली हैं वो कभी स्कूल हुआ करती थी। माना जा रहा है कि ये कब्र मूल निवासियों के ही बच्चों की हैं।
इन बच्चों को 19वीं सदी में जबरन पकड़ कर चर्च की ओर से चलाए जा रहे स्कूलों में डाला गया था। कब्र मिलने पर समूह के सदस्य चीफ क्रिस स्कीड ने कहा कि इन्हें देखकर हमें याद रखना चाहिए की हम जिंदा बच पाए हैं। हम यहीं हैं और हमारे पूर्वज भी यहां हैं। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब कनाडा में मूल निवासियों के बच्चों की कब्र मिली हों।
कनाडा में बार-बार क्यों मूल निवासियों के बच्चों की कब्र मिलती हैं?
कनाडा में मई 2021 से मूल निवासियों के बच्चों की कब्र मिल रही हैं। इसको लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री से लेकर वैटिकन सिटी के पोप फ्रांसिस तक माफी मांग चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 19वीं सदी में कनाडा की सरकारें और चर्च मूल निवासियों के बच्चों के लिए स्कूल चलाता था। इन स्कूलों को मेन मकसद मूल निवासियों के बच्चों को अपने कल्चर और रहन-सहन के तरीके से अलग करना था, जिसे कनाडा की सत्ता में बैठे लोग पिछड़ा और बेकार समझते थे।
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इन 130 स्कूलों में बहुत बुरी व्यवस्था होती थी। इन्हें ढंग से खाना और पानी तक नहीं दिया जाता था। बीमार होने पर इलाज नहीं मिलता था। जिससे हजारों बच्चों की मौत हो गई थी। पिछले साल पोप फ्रांसिस ने माना था कि इन स्कूलों में बच्चों का यौन शोषण भी होता था। चर्च के ये स्कूल बच्चों की मौत होने के बाद उनकी लाशों को स्कूल के नीचे दफन कर देते थे। साल 1990 में अलोचनाओं और कई विरोध प्रदर्शनों के बाद इन्हें बंद कर दिया गया था।
2021 में पहली बार शव मिले तो PM ने माफी मांगी साल 2021 में पहली बार कनाडा के एक पुराने बोर्डिंग स्कूल के कैम्पस में 215 बच्चों के शवों के अवशेष बरामद किए गए थे। इनमें कुछ बच्चे तीन साल से भी कम उम्र के थे। इन्हें भी रडार मशीन की मदद से तलाशा गया था। उस समय कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे इतिहास की शर्मनाक यादों में से एक बताया था। उन्होंने इस पर ठोस कार्रवाई का वादा भी किया था।
ट्रूथ एंड रिकंसिलिएशन कमीशन की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए
ट्रूथ एंड रिकंसिलिएशन कमीशन ने स्कूल संस्थान में हुए बच्चों पर अत्याचार पर एक रिपोर्ट भी दी थी। इसमें बताया गया था कि अत्याचार और लापरवाही से 3,200 बच्चों की मौत हुई थी। इसमें कैम्लूप्स स्कूल में 1915 से 1963 के बीच 51 मौतें हुई थीं। रिपोर्ट्स में इस तरह के बोर्डिंग स्कूल में 1.50 लाख बच्चों के शारीरिक उत्पीड़न, रेप, कुपोषण और अन्य अत्याचार की बात सामने आई थी। ऐसे बोर्डिंग स्कूल 1840 से 1990 के दशक तक ओटावा के चर्च संचालित करते थे।