पाकिस्तान में महिला क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। खेलो क्रिकेट की संस्थापक हदील ओबैद की मेहनत की बदौलत ज्यादा से ज्यादा लड़कियां इससे जुड़ रही हैं। 2016 में आयोजित हुए पहले महिला टूर्नामेंट को याद करते हुए ओबैद ने कहा कि काश वो उस वक्त लोगों की भावनाओं को कैद कर पातीं।
अपनी बेटियों को मैदान में छोड़ने आए माता-पिता उन्हें खेलता देख भावुक हो गए थे और लगातार ओबैद को धन्यवाद कह रहे थे। सामाजिक रूप से रूढ़िवादी देश में महिला एथलीटों के अवसर बढ़ रहे हैं। यहां पुरुषों की टीम में कई खिलाड़ी सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों से आते हैं, वहीं महिला टीम की खिलाड़ी धनी परिवारों से आती हैं, जो महिलाओं के खेलने पर आपत्ति नहीं जताते हैं।
पुरुषों के क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए खेलो क्रिकेट की शुरुआत
ओबैद ने 2015 में छोटे लेवल पर पुरुषों के क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए एक वेबसाइट के रूप में खेलो क्रिकेट की शुरुआत की। ओबैद बताती हैं 2016 में शुरुआती टूर्नामेंट कराची में आयोजित किया गया था, लेकिन 2023 से खेलो क्रिकेट की तरफ से एक साल में 5 निर्धारित टूर्नामेंट होंगे, जिसमें देश भर में 10-12 टीमें शामिल होंगी।
20 ओवर के होते हैं मैच
ये मैच 20 ओवर के होते हैं। स्थानीय महिला एकेडमी खेल को विकसित करने में काफी मदद करती हैं। उनकी तरफ से कई टीमें भी टूर्नामेंट में भाग लेती हैं। इस दौरान जीती गई धनराशि का इस्तेमाल एकेडमी के विकास में होता है। इन्हीं टूर्नामेंट्स के जरिए आगे आई फातिमा सना कई महिलाओं के लिए मिसाल है। 2022 में सना को आईसीसी महिला इमर्जिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया था।