पश्चिम चंपारण. अब जिले में रजिस्टर्ड दुकानों के आगे जीएसटी नंबर दर्ज करना अनिवार्य हो चुका है. इसके साथ-साथ प्रतिष्ठान का नाम भी बोर्ड पर अंकित करना होगा.वाणिज्य कर विभाग के सचिव ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. वाणिज्य कर विभाग के राज्यकर आयुक्त राजीव रंजन ने बताया कि रजिस्टर्ड दुकान के आगे दुकानदार यदि बोर्ड पर दुकान का नाम के साथ में जीएसटी नंबर नहीं लिखवाते हैं, तो ऐसे में पकड़े जाने पर उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा. फिलहाल जिले में 10 हजार जीएसटी के अंदर दुकानें एवं प्रतिष्ठान हैं. यह नियम स्टेट जीएसटी तथा सेंट्रल जीएसटी सभी धारकों को अपनाना होगा. गौरतलब है कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
पश्चिम चम्पारण जिले के बेतिया, चनपटिया, नरकटियागंज, लौरिया, योगापट्टी, रामनगर, बगहा, जगदीशपुर, मझौलिया सहित 2 दर्जन से अधिक छोटे-बड़े बाजारों में जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड दुकानदार हैं. सलाना 40 लाख से अधिक का टर्नओवर रखने वाले दुकानदारों को अनिवार्य रूप से जीएसटी लेना होगा. हालांकि सलाना 40 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यवसायियों को जीएसटी के तहत छूट दी गई है. अधिकारी के अनुसार कंपाउंडिंग व रेगुलर दोनों तरह के जीएसटी धारकों को नए नियम का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा.
20 लाख से ज्यादा आय वाले कोचिंग संस्थानों को भी लेना होगा जीएसटी नंबर
बता दें कि बगैर जीएसटी के सलाना 40 लाख रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले दुकानदारों पर शिकंजा कसने हेतु विभाग पूरी तैयार कर रहा है. सबसे बड़ी बात है कि विभाग कोचिंग संस्थानों से लेकर मैरेज हाल, नर्सिंग होम आदि के कारोबार को भी जीएसटी के दायरे में लाने के लिए लगातार सर्वे कर रहा है. राज्यकर आयुक्त के अनुसार 20 लाख रुपए से ज्यादा सलाना का कारोबार करने वाले कोचिंग संस्थानों को जीएसटी नंबर लेना अनिवार्य कर दिया गया है. गौरतलब है कि ऐसा नहीं करने पर कोचिंग संस्थानों को जीएसटी के साथ-साथ भारी जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
इन नियमों पर ध्यान देना है जरूरी
>>40 लाख से ज्यादा का सलाना कारोबार पर लगेगा जीएसटी.
>>20 लाख रुपए से ज्यादा सलाना का कारोबार करने वाले कोचिंग संस्थानों को जीएसटी नंबर लेना होगा जरूरी.
>>टैक्स चोरी पर लगाम कसने के लिए विभाग द्वारा लगातार किया जा रहा प्रयास.
>>बिना जीएसटी नंबर के दुकानदारों को पकड़ने की कवायद भी हो गई है शुरू.