सीबीआई ने कानपुर के छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय के वीसी विनय पाठक के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उनके ऊपर डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में तैनाती के दौरान परीक्षा संचालन में कमीशनखोरी के आरोप लगे थे। वहीं कमीशनखोरी का मुकदमा लिखाने वाला डेविड मारियो सीबीआई के संपर्क में नहीं आ रहा है। जबकि सीबीआई कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश कर चुकी है।
फिर सीबीआई जांच रोकने की दाखिल कर सकता है याचिका
सूत्रों के मुताबिक डेविड मारियो पूरे मामले की जांच सीबीआई की जगह एसटीएफ से कराने के पक्ष में है। डेविड ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि सीबीआई जांच न कराई जाये। सुनवाई से पहले डेविड ने नये सिरे से याचिका की अनुमति मांगी थी। हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी थी। बताया जा रहा है कि डेविड 21 जनवरी तक नये तथ्यों के साथ दोबारा सीबीआई जांच पर रोक के लिए याचिका दायर करने की फिराक में है।
इससे पहले भी जांच सीबीआई से न कराकर एसटीएफ से ही कराने को लेकर उसने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन बाद में वापस ले ली। अब इसके लिये वह वकीलों के सम्पर्क में है।
यह था मामला
29 अक्टूबर को इंदिरा नगर थाने में सीएसजीएमयू के कुलपति विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्र के खिलाफ दर्ज इस मुकदमे की विवेचना के दौरान एसटीएफ की तीन टीमों ने कई तथ्य जुटाये थे।
सीबीआई जांच की सिफारिश होते ही एसटीएफ ने इस प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों व बयानों की 103 पन्नों की फाइल तैयार कर ली थी। इस पूरी फाइल को भी सीबीआई को दिखा दिया गया।
दो टीमों ने शुरू की जांच सीबीआई दिल्ली की दो टीमों ने जांच शुरू कर दी है। एक टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं जबकि दूसरी टीम एक इंस्पेक्टर के नेतृत्व में साक्ष्य जुटायेगी।
इसमें एक टीम दिल्ली लौट गई है कि जो वहां के अफसरों को अब तब की प्रगति का पूरा ब्योरा देगी। उधर, दूसरी टीम ने एकेटीयू और आगरा यूनिवर्सिटी से जुड़े कई दस्तावेजों पर अपनी जांच शुरू कर दी।