नेपाल के पोखरा में रविवार को हुए प्लेन हादसे में मृतकों की संख्या 70 हो गई है। लेकिन इसी बीच नेपाल में ATR-72 प्लेन की लैंडिंग को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दरअसल, एयरपोर्ट के प्रवक्ता अनूप जोशी का कहना है कि प्लेन के पायलट ने हादसे से कुछ समय पहले ही रनवे 30 की बजाय रनवे 12 एक पर लैंडिंग करने की जानकारी दी थी।
इसके बाद रनवे को खाली कराया गया। ये एक ही रनवे के दो छोर हैं, रनवे 30 पूर्वी और 12 पश्चिमी छोर है। इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल्स के मुताबिक, पश्चिमी रनवे पर फ्लाइट लैंड कराने के लिए विशेष अनुभव की जरूरत होती है, जो पायलट के पास नहीं था। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पायलट ने को-पायलट को सिखाने के लिए ऐसा किया।
जल्दबाजी में हुआ एयरपोर्ट का उद्घाटन
पोखरा में ये हवाईअड्डा नए साल के दिन ही शुरू हुआ था। इसे बनाने के लिए नेपाल सरकार ने चीन से करीब 137 करोड़ रुपए का लोन लिया था। 1 जनवरी 2023 की समय सीमा रखी गई थी, लेकिन तब तक यह पूरी तरह से तैयार नहीं था। समय सीमा के दबाव के चलते इसका जल्दबाजी में उद्घाटन किया गया था।
केरल से लौटे थे 5 दोस्त; 2 काठमांडू रुके, 3 की मौत
प्लेन हादसे में 5 लोग ऐसे भी थे जो अपने करीबी की मौत के बाद उसकी शोक सभा में शामिल होने भारत के केरल आए थे। हालांकि, उनके दो साथी काठमांडू एयरपोर्ट पर ही रुक गए, लेकिन बाकी तीन लोग पोखरा जाते समय मारे गए।
हादसे से पहले एयर होस्टेस ने बनाया था टिकटॉक वीडियो
प्लेन में नेपाल की एयर होस्टेस ओशिन आले भी थी। नेपाल के लोग उसे टिकटॉकर के रूप में जानते थे। वह हिंदी गानों पर रील्स बनाया करती थी। ओशिन का हादसे से पहले का एक टिकटॉक वीडियो भी वायरल है, जिसमें वह मुस्कुरा रही है।
नेपाल में प्लेन क्रैश, मलबे से 70 शव निकाले गए, लापता चार लोगों की तलाश जारी
नेपाल में रविवार सुबह क्रैश हुए यति एयरलाइंस के प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिला गया है। इसे जांच के लिए सेना को सौंप दिया गया है। एयरपोर्ट ऑथरिटी के सूत्रों के मुताबिक, आज सुबह लापता लोगों के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ब्लैक बॉक्स मिला। ब्लैक बॉक्स पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे जांच दल को सौंपने की तैयारी है।
नेपाल प्लेन-क्रैश में मरने वाले 4 दोस्तों की कहानी, सोनू की मौत से पत्नी अनजान
नेपाल के पोखरा में रविवार को हुए प्लेन क्रैश में यूपी के चार युवकों की मौत हो गई। इनमें सोनू जायवाल, अनिल राजभर,अभिषेक कुशवाह और विशाल शर्मा शामिल हैं। सभी यूपी के गाजीपुर के रहने वाले थे और दोस्त थे। चारों 12 जनवरी को नेपाल घूमने गए थे। इनके परिवार अब बस टकटकी लगाकर अपने बच्चों के शवों का इंतजार कर रहे हैं। परिजन का कहना है कि भारत सरकार कुछ भी करके हमारे बेटों के शव मंगवा दे।