राजस्थान में कॉम्पिटिशन एग्जाम का पेपर बार-बार लीक होना सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। अब ऐसे मामलों पर लगाम कसने और इसका पुख्ता इलाज करने वाले मॉडल पर विचार किया जा रहा है।
बार-बार होने वाले पेपर लीक के मामलों से निपटने के लिए राज्य सरकार परीक्षाओं में सभी कैंडिडेट्स को अलग-अलग पेपर देने पर विचार कर रही है। शुरू में यह मॉडल उन परीक्षाओं में अपनाया जाएगा जिनमें अभ्यर्थियों की संख्या कम होती है।
इसके अलावा सेंटर-वाइज अलग-अलग पेपर वितरित करके भी पेपर लीक की समस्या को रोकने पर विचार किया जा रहा है। बाद में सॉफ्टवेयर, ऐप और प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से ज्यादा अभ्यर्थियों वाली परीक्षाओं में भी यह तरीका अपनाया जा सकेगा।
सीएम अशोक गहलोत के स्तर पर इस मॉडल (प्रस्ताव) को जल्द अंतिम मंजूरी मिल सकती है। तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। विभाग के मंत्री सुभाष गर्ग जल्द ही इस विषय में सीएम गहलोत से मिलकर उन्हें प्रस्ताव सौंपेंगे।
अब तक हजारों-लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों को पेपर एक ही तरह का मिलता है। ऐसे में किसी भी परीक्षा में किसी एक अभ्यर्थी का पेपर भी लीक हो जाए तो पूरी परीक्षा निरस्त करके दुबारा आयोजित करनी पड़ती है। रीट-तृतीय श्रेणी परीक्षा इसका उदाहरण हैं। 2020 से टीचर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, अब तक परीक्षा जारी है, इसके तहत करीब 45 हजार शिक्षकों को नियुक्ति मिलना अभी भी बहुत दूर की बात है।
पिछले चार साल में 10 परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। अगर यह सब परीक्षाएं ठीक समय पर पूरी होती तो अब तक करीब 1 लाख 10 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां मिल चुकी होती। सरकार के सामने चुनौती है कि वो 40 दिनों बाद 24-25 फरवरी को होने वाली प्रदेश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा (तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती) को पेपर लीक के कलंक से कैसे बचाए।
मौजूदा परीक्षा पैटर्न बेहद मजबूत, पेपर लीक न हो इस पर एक्सरसाइज
तकनीकी शिक्षा विभाग राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने भास्कर को बताया कि राजस्थान में मौजूदा कॉम्पिटिशन परीक्षा पैटर्न भी बेहद मजबूत है। इसीलिए अपराधी पकड़े जा रहे हैं। उनके अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाए गए हैं, लेकिन पेपर लीक ही न हो, इसके लिए पिछले दिनों सरकार ने बहुत एक्सरसाइज की है। इसके लिए नया मॉडल अपनाना होगा।
पेपर लीक से सीएम गहलोत और हम सभी लोग चिंतित हैं। युवाओं को होने वाले आर्थिक नुकसान और मानसिक पीड़ा से बचाया जाना बहुत जरूरी है। पेपर लीक रोकने को लेकर बहुत से विशेषज्ञों से बातचीत हो चुकी।
अभ्यर्थियों को अलग-अलग पेपर देने के सिस्टम को अपनाना पड़ेगा
मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि अब सभी प्रतियोगी अभ्यर्थियों को अलग-अलग पेपर सॉल्व करने को दिए जाने के सिस्टम को अपनाना पड़ेगा। यह अपने-आप में बहुत मुश्किल है, लेकिन टेक्नोलॉजी की मदद लेकर इसे अमल में लाया जा सकता है।
इससे कोई पेपर लीक भी हुआ तो वो इक्का-दुक्का से ज्यादा अभ्यर्थियों का नहीं होगा। पेपर लीक होने पर उनका रिजल्ट रोक कर बाद में घोषित किया जा सकता है।