इस्लामाबाद: पाकिस्तान आर्थिक संकट के बुरे दौर से गुजर रहा है. कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान के हालात बेहद खराब हो चुके हैं. यहां आटे की किल्लत के कारण भगदड़ मची हुई है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बड़ा बयान सामने आया है. शहबाज ने कहा कि यह शर्म की बात है कि एक परमाणु संपन्न देश को अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के लिए भीख मांगनी पड़ी रही है.
शनिवार को पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (PAS) के प्रोबेशनरी अधिकारियों के समारोह को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि विदेशी ऋण मांगना पाकिस्तान के अर्थिक चुनौतियों के समाधान का सही उपाय नहीं है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशों से लिए ऋण को लौटाना भी पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऋण मांगने के कारण उन्हें शर्मिंदगी लगती है. प्रधानमंत्री का यह बयान वहां के खराब होते आर्थिक हालातों को बयां कर रहे हैं.
सऊदी अरब की तारीफ की
अपने संबोधन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब की तारीफ की. उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की अपनी हालिया यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद ने पाकिस्तान को एक अरब अमेरिकी डॉलर और कर्ज देने की घोषणा की है. उन्होंने इसके लिए सऊदी अरब की प्रशंसा की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अधिकारी विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के बीच पाकिस्तान में और राशि जमा करने की संभावना पर स्टडी कर रहे हैं.
बताया गया कि पाकिस्तानी सरकार के पास काम करने के लिए ज्यादा समय नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान के स्टेट बैंक (SBP) में रखा गया विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है. 6 जनवरी 2022 तक SBP के पास विदेशी मुद्रा भंडार महज 4.3 अरब डॉलर था. पिछले 12 महीनों में एसबीपी (SBP) के भंडार में 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई है. आपको बता दें कि 22 जनवरी, 2022 को यह भंडार 16.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो कि 6 जनवरी, 2023 को 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया.