नई दिल्ली. भारतीय टीम मौजूदा समय में दुनिया की नंबर वन टीमों में से एक है. लेकिन एक ऐसा मोड़ था जब टीम इंडिया की दिशा और दशा दो ओपनर्स ने बदलकर रख दी थी. वह जोड़ी पूर्व दिग्गज सचिन और सहवाग की हुआ करती थी. अहम मुकाबलों में इस जोड़ी के आउट होने के बाद फैंस के आंखों में आंसू आ जाते थे. दोनों बल्लेबाजों ने भारत को कई बड़े मुकाबलों में जीत दिलाई है. वहीं, अब मास्टर ब्लास्टर के साथी ने एक मजेदार गुफ्तगू का खुलासा किया है.
साल 2003 में सचिन तेंदुलकर ने एक बेहतरीन पारी खेलकर टीम इंडिया की झोली में जीत डाल दी थी. उस दौरान मास्टर ब्लास्टर ने 75 गेंद में 98 रन बनाए थे. वहीं, वीरेंद्र सहवाग ने 14 गेंद में 21 रन की पारी खेली थी. सहवाग ने बताया कि उन्हें बाएं हाथ के गेंदबाज काफी दिक्कत देते थे. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम के खिलाफ उन्होंने सचिन को स्ट्राइक लेने को कहा था. जिसके बाद तेंदुलकर ने उन्हें साफ इन्कार कर दिया था. इस बात का खुलासा सहवाग ने अब किया है. सचिन तेंदुलकर पहली गेंद पर कभी स्ट्राइक नहीं लेते थे लेकिन सहवाग के आग्रह करने के बाद मास्टर ब्लास्टर अंत में मान गए थे.
सचिन कहा मैं स्ट्राइक नहीं लूंगा- वीरेंद्र सहवाग
सहवाग ने पुराने दिन याद करते हुए बताया, ‘मुझे बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ काफी दिक्कत होती थी. चामिंडा वास के ने मुझे पहली गेंद पर कई बार आउट किया था. नाथन ब्रैकन ने भी मुझे परेशान किया था. पाकिस्तान के खिलाफ फील्डिंग के समय आखिरी ओवर के दौरान मैंने सचिन तेंदुलकर से स्ट्राइक लेने के लिए बोला था.’
सहवाग ने आगे बताया, ‘मैंने सचिन से कहा कि अगर वसीम अकरम पहला ओवर फेंकेगे तो मैं आउट भी हो सकता था. उन्होंने साफ मना कर दिया और बोले कि मैं बहुत अंधविश्वासी हूं और मेरे पंडित जी ने कहा है कि दूसरे नंबर पर ही बल्लेबाजी करनी है. मैंने कहा कि आप दुनिया के नंबर वन बैट्समैन हैं और पंडित जी की बात मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि नहीं मैं स्ट्राइक नहीं लूंगा. लेकिन ड्रेसिंग रूम में मैंने उनसे एक बार फिर आग्रह किया. मैं उनको खुश करने की कोशिश कर रहा था ताकि वसीम अकरम से बच सकूं.’