आलीशान गंगा रिवर क्रूज:दुनिया की सबसे लंबी 51 दिन की रिवर यात्रा, बार, स्पा और 18 सुइट्स, बुक 5 साल के लिए

आलीशान गंगा रिवर क्रूज:दुनिया की सबसे लंबी 51 दिन की रिवर यात्रा, बार, स्पा और 18 सुइट्स,  बुक 5 साल के लिए

दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज यात्रा पर निकलने के लिए एमवी गंगा विलास तैयार है। यह वाराणसी में रामनगर बंदरगाह पर खड़ा है। 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे 3,200 किलोमीटर के लंबे सफर के लिए रवाना करेंगे। क्रूज वाराणसी से चलकर बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ जाएगा। इस रिवर क्रूज में 32 विदेशी टूरिस्ट होंगे। वह 51 दिन की यात्रा करेंगे। क्रूज में 5 स्टार होटल जैसी लग्जरी सुविधाएं है।

पहले क्रूज के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं-

यात्रा- 51 दिन की है। दूरी- 3200 किलोमीटर।

क्रूज का रूट- गंगा-भागीरथी-हुगली रिवर सिस्टम (नेशनल वॉटर वे 1), कोलकाता से धुबरी (इंडो बांग्ला प्रोटोकॉल रूट) और ब्रह्मपुत्र (नेशनल वॉटर वे 2)। रास्ते में 27 नदियां पड़ेंगी।

प्रमुख नदियां जो रास्ते में पड़ेंगी- गंगा, भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मातला, सुंदरवन रिवर सिस्टम्स-5, मेघना, पद्मा, जमुना और ब्रह्मपुत्र।

5 प्रदेश और बांग्लादेश से गुजरेगा क्रूज- UP, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और बांग्लादेश।

क्रूज के रास्ते में मुख्य पड़ाव- वाराणसी, पटना, कोलकाता, ढाका, गुवाहटी, डिब्रूगढ़ समेत 50 प्रमुख पर्यटन स्थल शामिल हैं।

क्रूज में सुविधाएं- 18 सुइट, रेस्टोरेंट, बार, स्पा, सनडेक, जिम और लाउंज।

-मेन डेक पर इसके 40 सीटों वाले रेस्तरां में कॉन्टिनेंटल और इंडियन फूड के साथ बफे काउंटर हैं।

-ऊपरी डेक की आउटडोर सिटिंग में स्टीमर चेयर्स और कॉफी टेबल के साथ एक बार है।

-बाथ टब वाला बाथरूम, कन्वर्टिबल बेड्स, फ्रेंच बालकनी, LED टीवी, तिजोरी, स्मॉक अलार्म्स, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर्स भी हैं।

पूरे टूर का किराया- एक व्यक्ति के लिए 19 लाख रुपए है। सुइट का किराया 38 लाख का है। यह रेट स्पेस के हिसाब से घट-बढ़ सकता है।

क्रूज की खासियत- 62.5 मीटर लंबे और 12.8 मीटर चौड़े गंगा विलास क्रूज में 40 हजार लीटर का फ्यूल टैंक और 60 हजार लीटर का वाटर टैंक है।

-62.5 मीटर लंबा, 9 मीटर ऊंचा और 12.8 मीटर चौड़ा क्रूज गंगा विलास लग्जरी सुविधाओं से लैस है।

क्रूज की रफ्तार- अप स्ट्रीम में क्रूज की रफ्तार 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा है। डाउन स्ट्रीम में क्रूज की रफ्तार 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा है।

कब पहुंचेगा असम- गंगा विलास क्रूज के डिब्रूगढ़ पहुंचने की संभावित तिथि 1 मार्च 2023 है।

-कोलकाता से क्रूज 22 दिसंबर को काशी के लिए रवाना हुआ था। काशी से डिब्रूगढ़ के लिए यह क्रूज 13 जनवरी को रवाना होगा।

सुंदरवन और रॉयल बंगाल टाइगर देखेंगे यात्री

डिब्रूगढ़ के रास्ते में क्रूज मेघना नदी से गुजरेगा। यहां टूरिस्ट सुंदरवन भी देखेंगे। यह UNESCO से प्रमाणित विश्व धरोहर है। सुंदर वन में रॉयल बंगाल टाइगर भी रहते हैं।

रास्ते में काजीरंगा नेशनल पार्क भी पड़ेगा। जहां विश्व प्रसिद्ध एक सींग वाला गैंडा और हाथी रहते हैं। यहीं पर माजुली द्वीप भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।

क्रूज से चांदनी रात का दीदार अद्भुत होगा

क्रूज संचालक राज सिंह ने बताया कि क्रूज से चांदनी रात का दीदार अद्भुत होगा। जहां-जहां कोहरा है, वहां-वहां क्रूज रुक जाएगा। क्रूज के आगे एक शिप चलती है। यह क्रूज के सेफ्टी में तैनात है।

शिप पर एक पायलट होगा, जो क्रूज कैप्टन को गाइड करेगा। क्रूज के पायलट और मास्टर कोलकाता में चेंज हो जाएंगे। बाकी सभी स्टाफ रहेंगे।

क्रूज के सुइट्स में सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, फायर अलार्म आदि लगे हैं। वहीं, इमरजेंसी के लिए छोटी-छोटी 4 स्टीमर भी क्रूज के साथ अटैच हैं। क्रूज में 51 दिन का खाने पीने का सामान उपलब्ध है।

5 साल के लिए बुक हैं क्रूज के सभी 18 सुइट्स

राज सिंह ने कहा कि गंगा विलास की पूरे 5 साल की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। इसे दुनिया के अलग-अलग टूरिस्ट ग्रुप ने बुक किया है। 13 जनवरी से शुरू होने वाली यात्रा का किराया 19 लाख रुपए है। वाराणसी से सवार सभी 32 यात्री डिब्रूगढ़ तक यात्रा करेंगे। इस रूट पर आगे भी कोई नई बुकिंग नहीं होनी है।

फिलहाल देश में वाराणसी और कोलकाता के बीच 8 रिवर क्रूज संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा दूसरे राष्ट्रीय जलमार्ग (ब्रह्मपुत्र नदी) पर भी क्रूज का आवागमन जारी है।

फ्यूल टैंक फुल होने पर एक बार में कर सकता है 40 दिन की यात्रा

गंगा विलास सेल्फ कंटेट जहाज है। गंगा विलास क्रूज के फ्यूल टैंक की कैपेसिटी 40 हजार लीटर की है। इतने ईंधन में यह 40 दिन की यात्रा कर सकता है।

क्रूज का अपना एक STP प्लांट भी है। इससे किसी भी तरह का सॉलिड वेस्ट गंगा में नहीं मिलेगा। वहीं, गंदे पानी को फिल्टर कर गंगा में छोड़ दिया जाएगा।

फ्रेश वाटर टैंकर की कैपेसिटी 60 हजार लीटर है। जहाज में ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है, जो रेगुलर गंगाजल को साफ करता है। इस पानी को वाशरूम और किचन में इस्तेमाल करते हैं। वहीं, बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में नदी में खारा पानी मिलता है। ऐसे में 60 हजार लीटर का फ्रेश वाटर रिजर्व काम में आता है। यह इस क्रूज की टेक्निकल व्यवस्था है।


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