भोपाल में करणी सेना का खत्म आंदोलन:आरक्षण समेत 4 मांगों पर कोई चर्चा नहीं, सरकार ने कमेटी बनाई 18 मांगों को लेकर

भोपाल में करणी सेना का खत्म आंदोलन:आरक्षण समेत 4 मांगों पर कोई चर्चा नहीं,  सरकार ने कमेटी बनाई 18 मांगों को लेकर

चार दिनों से चल रहा करणी सेना परिवार का आंदोलन बुधवार को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के आश्वासन के बाद खत्म हो गया। करणी सेना परिवार के ज्ञापन में शामिल 22 मांगों में से 18 मांगों पर विचार के लिए 3 अफसरों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस को अध्यक्ष बनाया गया है। इस कमेटी में स्कूल शिक्षा विभाग और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग के पीएस को सदस्य बनाया गया है। ये कमेटी दो महीने में इन 18 मांगों पर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी के गठन का आदेश भी जारी हो गया है।

22 में से इन 4 मांगों पर नहीं हुई कोई बात

मांग 01- आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके। एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए। मांग 02- SC, ST एक्ट में बिना जाँच के गिरफ्तारी पर रोक लगे। ताकि कोई भी निर्दोष व्यक्ति बिना अपराध के सजा न काटे। मांग 03- SC, ST एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा एक्ट बने जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे। मांग 04- खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को GST से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।

ये है चर्चा ना होने की वजह- ये चारों केन्द्र के अधीन मामले हैं। चार दिनों से लगातार वार्ता विफल होने के पीछे की वजह ही ये चारों मांगें थीं। ये सभी मामले केन्द्र सरकार के अधीन हैं। आज राज्य सरकार के अधीन 18 मांगों पर अपनी राय देने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है।

बिना अनुमति रास्ता रोककर अनशन पर बैठे थे

संगठन के लोग बीते चार दिनों से बिना अनुमति आम रास्ता रोककर भोपाल के महात्मा गांधी चौराहे पर धरना दे रहे थे। इनमें से 5 पदाधिकारी आमरण अनशन पर बैठ हुए थे। जबकि उन्होंने जम्बूरी मैदान में सम्मेलन के लिए पुलिस कमिश्नर से सिर्फ एक दिन (रविवार) के लिए अनुमति ली थी।

अन्य संगठनों के समर्थन से यहां भीड़ बढ़ गई। ऐसे में महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद है। इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान है। उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।

राजधानी में चल रहे धरने की आग प्रदेश के दूसरे शहरों में फैल रही है। उज्जैन के महिदपुर में आज करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाने की कोशिश की। पुलिस के रोकने पर कार्यकर्ताओं ने झड़प की। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी को खदेड़ा। खंडवा में दो दिन पहले CM का पुतला जलाने पर FIR हुई है। आगर और शाजापुर में भी CM के पुतले जलाए गए।

गृहमंत्री बोले- सरकार कमेटी बनाने को तैयार

इससे पहले इस आंदोलन को लेकर बुधवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, प्रदर्शनकारी हमारे अपने हैं। कोई गैर नहीं। हम भाइयों में आपस में कोई बैर नहीं। उनसे चर्चा करेंगे, आग्रह करेंगे, निवेदन करेंगे। मेरा मानना है कि हमारे स्वजन हैं, मान जाएंगे।

CM को गालियां देने के VIDEO सामने आए

भोपाल में आंदोलन के बीच कई ऐसे VIDEO भी सामने आ रहे हैं, जिसमें अपशब्दों का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गालियां देने पर पिपलानी पुलिस इन VIDEO की जांच कर रही है। CM को अपशब्द कहने के तीन VIDEO सामने आए हैं। पुलिस ने इन्हें ही आधार बनाया है।

करणी सेना परिवार के शख्स पर केस

पुलिस ने इस मामले में आंदोलन में शामिल एक युवक के खिलाफ पिपलानी थाने में केस दर्ज किया है। युवक हरियाणा के भिवानी का रहने वाला ओकेंद्र सिंह राणा है। उस पर प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपशब्द कहने का आरोप है। एडिशनल डीसीपी राजेश सिंह भदोरिया के मुताबिक 8 जनवरी को करणी सेना के जंबूरी मैदान पर हुए प्रदर्शन में शामिल होने ओकेंद्र सिंह राणा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने साथियों के साथ जुलूस निकाला था। इसका वीडियो भी सामने आया था।

8 जनवरी को 5 लोग भूख हड़ताल पर बैठे थे। मंगलवार को दो लोग और बढ़ जाने से संख्या 7 हो गई थी । इनमें एक स्टूडेंट मानवेंद्र सेंगर (22) है। ओरछा (जिला निवाड़ी) के रहने वाले मानवेंद्र बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एलएलबी कर रहे हैं। पिता का ट्रांसपोर्ट का काम है। दूसरे हैं रतलाम के रानायरा के रहने वाले विनोद सुनार्थी (30)। दोनों 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर भोपाल आए हैं।



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