नई दिल्ली. भारत के खिलाफ श्रीलंका भले ही गुवाहाटी में पहला वनडे मैच हार गया, लेकिन कप्तान दसुन शनाका ने शानदार पारी खेलकर पूरी टीम को सकारात्मक संदेश दिया. 374 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेहमान टीम ने 8 विकेट पर 306 रन बनाए. शनाका मैच को आखिरी तक खींचकर ले गए. टीम इंडिया के गेंदबाज लंका की पूरी टीम को आउट नहीं कर पाए. 12 जनवरी को कोलकाता के ईडन गार्डंस में होने वाले दूसरे वनडे मैच में भारत को श्रीलंका को हल्के में लेने से बचना होगा. खासकर, शनाका पर काबू पाना होगा जो टी20 सीरीज में पहला मैच हारने के बाद टीम को बराबरी दिलवा चुके हैं.
गुवाहाटी वनडे में 206 रन पर श्रीलंका के 8 विकेट गिर जाने के बाद भी शनाका ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने 88 गेंद में 108 रन की नाबाद पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे. मैच में शनाका छठे नंबर पर बैटिंग करने उतरे. उस वक्त श्रीलंका का स्कोर 24.5 ओवर में 4 विकेट पर 136 रन था. देखते ही देखते 4 विकेट और गिर गए. इसके बाद शनाका ने कसुन रजीता के साथ मिलकर नौवें विकेट के लिए 100 रन जोड़ दिए. इसमें 88 रन शनाका के थे. पिछले 12 साल में नंबर छह या इससे नीचे बैटिंग करते हुए वनडे शतक लगाने वाले शनाका इकलौते कप्तान हैं. उन्होंने दूसरी बार ऐसा किया है. इससे पहले शनाका ने 2022 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 102 रन बनाए थे.
दसुन शनाका ने टी20 सीरीज में भी टीम इंडिया को खासा परेशान किया था. पहला टी20 भारत ने 2 रन से जीता. इस मैच में भी शनाका ने आखिरी तक संघर्ष किया. एक वक्त तो मैच भारत के हाथ से निकलता नजर आ रहा था. शनाका ने 27 गेंद में 3 चौके और 3 छक्के की मदद से 45 रन बनाए थे. दूसरे टी20 में उन्होंने टीम इंडिया की पेस बैटरी का धागा खोलते हुए श्रीलंका को सीरीज में बराबरी पर ला खड़ा किया. शनाक ने मैच में महज 22 गेंदों में नाबाद 56 रन बनाए, जिसमें 2 चौके और 6 छक्के शामिल थे. इसके बाद उन्होंने बॉलिंग में भी हाथ दिखाते हुए 1 ओवर में 4 रन देकर 2 भारतीय बैटर को पवेलियन भेजा.