नई दिल्ली. हिंदु धर्म के सुहागनों के लिए कई रीति-रिवाज हैं. आजकल युवाओं को शादी और सुहागनों से जुड़े कई रिवाज भले ही आउट-डेटेड लगते हैं. लेकिन असल में चाहे श्रृंगार के लिए पहने जाने वाले गहने हों या फिर सुहाग के लिए रखे जाने वाले व्रत, इन धार्मिक प्रथाओं के पीछे गहरा और प्राचीन विज्ञान है. ऐसी ही एक सुहागनों के श्रृंगार का गहना है बिछिया. इसी गहने के महत्व को समझते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला ने फैसला लिया है कि अब से वो बिछिया पहनेंगी. जूही ने अपने इस फैसले को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.
जूही चावला ने बिछिया पहने हुए अपने पैरों की एक तस्वीर शेयर की और लिखा, अपने जड़ों की ओर लौट रही हूं… प्राचीन परंपरा बिछिया.. हार्मोनों का संतुलन, पूरे दिन का एक्यूप्रेशर, एक बार की लागत, किसी तरह की एनर्जी का प्रयोग नहीं और जिंदगी भर की गारंटी… एक समझदार भारतीय.
आपको बता दें कि जूही चावला ने 1995 में बिजनेसमैन जय मेहता से शादी की थी. जूही और जय के 2 बच्चे हैं, जाह्नवी मेहता और अर्जुन मेहता. हालांकि जय मेहता से शादी के बाद लगभग 5 साल तक जूही ने अपनी शादी की बात सभी छिपाई थी. इसकी वजह बताते हुए जूही चावला ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि दरअसल उस समय वह अपने करियर में आगे बढ़ रही थीं और वह नहीं चाहती थीं उनका फिल्मी करियर खराब हो जाए. 5 सालों तक जूही चावला की शादी के बारे में सिर्फ उनके घरवालों और कुछ करीबी लोगों को ही पता था.
जूही चावला के इस ट्वीट पर कई लोग उनकी तारीफ भी कर रहे हैं. हालांकि जूही ने अपने ट्वीट में बिछिया से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्यों का जिक्र किया है, लेकिन हम आपको बताते हैं कि एक बिछिया पहनने से आपको कितने फायदे हो सकते हैं. कहा जाता है कि सुहागनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए बिछिया पहनती हैं, लेकिन इस एक गहने के इतने फायदे हैं कि इसे पहनने के वाली महिला की भी उम्र बढ़ती है.
इससे गर्भधारण करने में परेशानियां कम आती हैं. जिस अंगुली में बिछिया पहना जाहता है, उसकी नस गर्भाशय से जुड़ी होती है. बिछिया पहनने से ये नस दबती है और गर्भाशय नियंत्रण में रहता है.
– वैज्ञानिक तथ्यों की मानें तो बिछिया के जरिए महिलाओं वह नस दबती है, जो प्रजनन अंगों से जुड़ी होती है. इससे महिलाओं में पीरियड्स भी नियमित बने रहते हैं.
– बिछिया चांदी के होते हैं और चांदी पहनने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
– बिछिया एक्यूप्रेशर का काम करते हुए अंगुली के जिस पॉइंट को दबाता है, उससे यूट्रस, ब्लैडर और आंतों तक रक्त प्रवाह सही रहता है.