IAS पूनम ने अब मांगा अपना होम कैडर बिहार:बिहार गईं थीं सवा छह साल पहले डेपुटेशन पर, अब तक नहीं लौटी राजस्थान

IAS पूनम ने अब मांगा अपना होम कैडर बिहार:बिहार गईं थीं सवा छह साल पहले डेपुटेशन पर, अब तक नहीं लौटी राजस्थान

राजस्थान कैडर की एक महिला आईएएस अफसर की मनमानी का ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि राजस्थान ही नहीं पूरे देश की ब्यूरोक्रेसी में ऐसा कोई मामला कभी नहीं आया। आईएएस पूनम सवा छह साल पहले डेपुटेशन पर बिहार गई थीं, अवधि खत्म होने के बावजूद अभी तक राजस्थान नहीं लौटी। आईएएस अफसर ने अब तो खुद के स्टेट होम का ही कैडर बनाने की मांग कर डाली। यह ऐसी मांग है जो नियमों के तहत पूरी होना असंभव है। पूनम की यह मांग अगर पूरी हो जाए तो इसको आधार बनाकर राजस्थान कैडर के 245 आईएएस अफसरों में से 185 आईएएस अफसर अपने-अपने होम कैडर (गृह प्रदेश) में चले जाएंगे।

आईएएस पूनम राजस्थान में बीकानेर, सवाईमाधोपुर और बूंदी जिलों में कलेक्टर भी रही हैं। आजकल वे बिहार में डेपुटेशन पर हैं और अब उनकी वहां रहने की मियाद पूरी हो जाने के बावजूद वे वापस लौटने की इच्छुक होना तो दूर केन्द्र, राजस्थान व बिहार सरकार से मांग कर रही हैं कि उन्हें हमेशा के लिए बिहार कैडर ही अलॉट कर दिया जाए।

असल में वर्ष 2005 बैच की राजस्थान कैडर की आईएएस अफसर पूनम 6 साल पहले बिहार में डेपुटेशन पर गई थीं। राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने पूनम को वापस राजस्थान लौटने के लिए के लिए कई बार पत्र लिख चुका है। फिर भी पूनम में कोई जवाब अब तक विभाग को नहीं दिया।

पूनम को 2016 में 3 साल के लिए डेपुटेशन के रूप में उनके गृह प्रदेश बिहार में पोस्टिंग मिली थी। इस हिसाब से वह अक्टूबर 2016 से सितंबर 2019 तक बिहार में रह सकती थीं। उसके बाद उन्होंने कोरोना महामारी की विशेष परिस्थितियों का हवाला देकर 1 वर्ष के लिए अपना डेपुटेशन और बढ़वा लिया। केंद्र, राजस्थान व बिहार की सरकारों ने भी विशेष परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें इसकी इजाजत दे दी। इसके बाद भी उनका कार्यकाल (डेपुटेशन) 31 अक्टूबर 2020 को खत्म हो गया था।

इसके बाद पूनम ने फिर से कोरोना का ही हवाला देकर केन्द्र सरकार से ही 1 वर्ष का डेपुटेशन और मांगा, लेकिन नहीं मिला। तब उन्होंने कैट (प्राधिकरण) की शरण ली और उन्हें कैट के आदेशों पर एक वर्ष की डेपुटेशन पोस्टिंग और मिल गई। हालांकि इस पोस्टिंग का कार्यकाल भी 31 अक्टूबर 2021 को खत्म हो गया था। अब इस मियाद को खत्म हुए भी करीब 15 महीने बीत गए हैं। पूनम अब तक बिहार में ही हैं। हाल ही दो महीने में उन्हें फिर से कार्मिक विभाग ने सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब विभाग को नहीं दिया।

कार्मिक विभाग ने इस बीच फैसला किया कि पूनन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की ही जानी चाहिए। विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा के स्तर पर एक फाइल इस संबंध में तैयार कर सीएम अशोक गहलोत के पास भेज दी गई। सूत्रों का कहना है कि अब सीएमओ से यह फाइल केन्द्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय (दिल्ली) भेजी जाएगी। विभाग इस विषय में अपनी आपत्ति बिहार सरकार को भी भेज रहा है, जहां उनका वेतन और अगली कोई भी पोस्टिंग रुकवाई जा सकती है।

नियम कहते हैं कि अधिकतम 5 वर्ष तक रह सकते हैं आईएएस होम स्टेट में

भारत सरकार के स्पष्ट नियम है कि कोई भी आईएएस, आईएफस और आईपीएस अफसर अपने सर्विस कैडर से होम स्टेट के कैडर में जा सकता है। ऐसा पूरी सर्विस के दौरान कुल मिलाकर अधिकतम 5 वर्ष के लिए हो सकता है। इससे ज्यादा का कोई मामला पूरे देश में अब तक सामने नहीं आया है। किसी अफसर के पति या पत्नी के कैडर में बदलाव जरूर हो जाता है, लेकिन उस में होम कैडर अलॉट नहीं होता है।

राजस्थान कैडर से रिटायर अतिरिक्त मुख्य सचिव रवि श्रीवास्तव ने भास्कर को बताया कि कहीं किसी कैडर में नेशनल इमरजेंसी, जान का खतरा जैसी कोई अपरिहार्य स्थितियां हो जाएं तो राष्ट्रपति के पास प्रधानमंत्री के स्तर पर अनुशंषा की जाती है। वो भी संबंधित राज्यों सरकारों की सहमति के साथ। तब अपवाद के रूप में होम कैडर मिल सकता है। अगर ऐसा होने लग जाए तो ऑल इंडिया सर्विसेज का ढांचा ही छिन-भिन्न हो जाएगा।

राजस्थान कैडर से रिटायर एक अन्य आईएएस अफसर ए. के. सिंह ने भास्कर को बताया कि 25-30 वर्ष पहले जरूर कोई इस तरह का मामला हुआ है, वो भी अत्यंत गंभीर किस्म का कोई खतरा या प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति के स्तर पर विशेष जरूरत महसूस की जाए तो किसी का कैडर चेंज किया जा सकता है। हाल के 25-30 वर्षों में कोई ऐसा मामला मेरे विचार से नहीं हैं। अन्यथा हर स्टेट हर आईएएस अफसर ही अपना होम पेरेंट कैडर बदलवा कर होम कैडर हासिल कर लेगा।



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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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