राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) इन दिनों शताब्दी वर्ष की तैयारी में जुटा है। इसी के साथ ही 1 लाख संघ शाखाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी को देखते हुए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले यूपी के 7 दिन प्रवास पर आज लखनऊ पहुंच रहे हैं। संघ की ओर से मिली जानकारी के अनुसार दत्तात्रेय काशी, गोरक्ष और अवध प्रांत की बैठकों में शामिल होंगे। वह 11 से 13 जनवरी को वाराणसी में काशी और गोरखपुर में बैठक करने जाएंगे।
16 जनवरी को लखनऊ में प्रबुद्ध सम्मेलन किया जाना है। मकर संक्रांति का महापर्व भी यहीं मनाएंगे। राजनीतिक जानकार आरएसएस के 7 दिवसीय कार्यक्रम को मिशन 2024 से जोड़कर देख रही है। ऐसे में आने वाले चुनावों में उनके प्रवास के सियासी मायने काफी अहम है।
वैसे तो उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से भाजपा की सरकार है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा की सरकार वाले राज्यों में अपनी नीतियों पर लगातार काम करती रहती है। फिलहाल मिशन 2024 को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी शाखाओं को और अनुषांगिक संगठन को और सक्रिय करने की नई रणनीति तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि मिशन 2024 से पहले उत्तर प्रदेश में शाखा और संघ के पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं। जिससे आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिल सके।
सियासी दृष्टिकोण से यूपी सबसे बड़ा राज्य
अगर संघ की बात करें तो उत्तर प्रदेश में करीब तीन हजार से ज्यादा सुबह और शाम की शाखाएं हो रही हैं। यूपी को सियासी समीकरण में सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। यहां पर 80 लोकसभा सीटें आती हैं। हालांकि आरएसएस खुद को भारतीय जनता पार्टी से अलग मानती है। उसका कहना है कि आरएसएस का राजनीतिक क्षेत्र में कोई भी योगदान नहीं है। लेकिन हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा पर काम करने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहीं ना कहीं लाभ भारतीय जनता पार्टी को सीधा मिलता है।
हर प्रांत में होंगी बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार व दत्तात्रेय होसबले बुधवार से उत्तर प्रदेश के प्रांतों में बैठकों का दौर शुरू करेंगे। 10 जनवरी से शुरू होने वाला कार्यक्रम 16 जनवरी तक चलेगा। यूपी के प्रचारक और संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी कार्यक्रम की भूमिका 10 जनवरी को ही तय कर ली गई है। यह माना जा रहा है कि 11 से 13 जनवरी तक काशी और गोरखपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। जिसके बाद लखनऊ में 14 जनवरी से लेकर तीन अहम कार्यक्रम संघ की तरफ से किए जाएंगे।
संघ की आगे की योजना समझिए
आरएसएस से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
संघ कार्य को लेकर समय देने के लिए देशभर में 3 हज़ार युवक शताब्दी विस्तारक के नाते निकले हैं। अभी एक हज़ार शताब्दी विस्तारक और निकलने हैं।
विस्तारक, प्रचारकों की तरह ही काम करते हैं, लेकिन यह कम समय के लिए होते हैं। जैसे कि नौकरीपेशा या छात्र, जो 15 दिन या महीने भर के लिए पूरे समर्पण के साथ संघ के लिए काम करते हैं।
2024 के अंत तक देश के सभी मंडलों में शाखा पहुंचाने की योजना बनाई गई है। कुछ प्रांतों में यह काम चुनिंदा मंडलों में 99 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है।
लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैं और आरएसएस 2025 में 100 साल पूरे करेगा। साल 2025 में संघ के 100 साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके आरएसएस का लक्ष्य सभी सेवा बस्तियों में शाखाएं लगवाना है।
संघ की शाखाओं में लगातार इजाफा देखा जा रहा है और मेरठ क्षेत्र में शाखाओं की बढ़ोतरी सबसे अधिक हुई है। इसलिए हर गांव, हर बस्ती में संघ की सोच के साथ आगे बढ़ने का लक्ष्य रखा गया है।
चित्तौड़, ब्रज व केरल प्रांत में मंडल स्तर तक शाखाएं खुल गई हैं। पहले देश में 54,382 संघ की शाखाएं थीं, अब वर्तमान में 61,045 शाखाएँ लग रही हैं। साप्ताहिक मिलन में भी 4000 और मासिक संघ मंडली में विगत एक वर्ष में 1800 की बढ़ोतरी हुई है।
क्या है संघ का उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले पूर्वी क्षेत्र के संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
11 जनवरी को काशी क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी।
13 जनवरी को गोरक्ष क्षेत्र की बैठक करेंगें।
14 जनवरी को लखनऊ में अवध क्षेत्र की बैठक करेंगे।
होसबोले 15 जनवरी को गोमतीनगर में मकर संक्रांति कार्यक्रम में शामिल होगें।
दत्तात्रेय होसबोले 16 जनवरी को प्रबुद्धजनों से संवाद करेंगें।