जोशीमठ ही नहीं.आसपास भी धंस रही 2.5 इंच जमीन:लग्जरी होटल मलारी इन आज गिराया जा सकता है, मुआवजे के लिए धरने पर बैठा मालिक

जोशीमठ ही नहीं.आसपास भी धंस रही 2.5 इंच जमीन:लग्जरी होटल मलारी इन आज गिराया जा सकता है, मुआवजे के लिए धरने पर बैठा मालिक

उत्तराखंड के जोशीमठ में बुधवार को 2 लग्जरी होटल मलारी इन और माउंट व्यू बुधवार को गिराए जा सकते हैं। बुधवार को भी यहां SDRF और प्रशासन की टीमें पहुंची थीं। लेकिन कल इन्हें गिराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।

बुधवार को मुख्यमंत्री के सचिव उन लोगों के साथ एक मीटिंग कर रहे हैं, जिनके मकानों में दरारें आई हैं। करीब 800 मकानों में दरारें हैं। होटलों को गिराने के लिए होटल्स के आसपास की रोड को बंद कर दिया है। मलारी इन के मालिक टी सिंह राणा का परिवार मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठ गए हैं।

एक और होटल संचालक लालमणि सेमवाल ने कहा कि जब जोशीमठ से लोग पलायन कर रहे थे। सुख-सुविधाएं नहीं थीं, तब यहां जीवन भर की पूंजी से ये होटल खड़ा किया। आज वक्त की गाज गिर रही है। सरकार हमें मरने के लिए छोड़ रही है।

सीएम के सचिव आरएम सुंदरम ने जिला प्रशासन और जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके साथ बैठक की।

सुंदरम बोले- जेपी कंपनी के पास पानी का रिसाव कम हो रहा है। कल शाम यह 250 एलपीएम तक पहुंच गया। 7 जनवरी के बाद कोई नई दरार नहीं आई। पुरानी दरारें नहीं बढ़ीं। 2 इमारतें जो असुरक्षित हैं उन्हें गिराने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री के सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम सुबह 11.30 बजे जोशीमठ नगर पालिका सभागार में मीडिया से चर्चा करेंगे।

IMD ने 11 जनवरी से 13 जनवरी के बीच चमोली में बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की है।

हर साल धंस रहा जोशीमठ और आस-पास का इलाका

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के दो साल की एक स्टडी में सामने आया कि जोशीमठ और इसके आसपास के क्षेत्र में हर साल 2.5 इंच की दर से जमीन धंस रही थी। देहरादून स्थित संस्थान द्वारा सैटेलाइट डेटा का उपयोग करते हुए यह अध्ययन किया गया है। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक जुटाई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे धंस रहा है। डेटा से पता चलता है कि धंसने वाला क्षेत्र पूरी घाटी में फैला हुआ है और जोशीमठ तक ही सीमित नहीं हैं।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जोशीमठ में सूक्ष्म भूकंप अवलोकन प्रणाली स्थापित की जाएगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार से माइक्रो सीसमिक ऑब्जर्वेशन प्रणाली लगाने का काम शुरू हो जाएगा। जोशीमठ बेहद संवेदनशील भूकंप जोन 5 के तहत आता है। लगातार भूंकपीय तनाव बना रहता है।

आज गिराए जा सकते हैं दोनों लग्जरी होटल

स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (SDRF) इन होटलों को स्टेप-बाय-स्टेप गिराने की योजना पर काम कर रहा है। दोनों होटल झुक गए हैं। इन्हें हाथ से ही गिराया जाएगा। किसी विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इन्हें गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की की निगरानी में होगा।

CBRI के चीफ साइंटिस्ट डीपी कानूनगो ने कहा कि होटल को रिपेयर नहीं किया जा सकता। इसे गिराना ही पड़ेगा। लैडस्लाइड से होटल के फाउंडेटशन पर असर पड़ा

सबसे पहले होटलों से सामान बाहर निकाला जाएगा। किसी भी तरह की जनहानि को रोकने पर प्रशासन का पूरा ध्यान है। मंगलवार को होटल गिराए जाने की कार्रवाई स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दी गई थी। यहां मकानों में दरारें आने के बाद एक्सपर्ट टीम ने होटलों को गिराने का फैसला लिया है। दोनों 5-6 मंजिला होटल हैं।

लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा

SDRF के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि सबसे पहले होटल का ऊपरी हिस्सा गिराया जाएगा। दोनों होटलों के आसपास मकान हैं, इसलिए इन्हें गिराना जरूरी है। होटल और ज्यादा धंसे तो गिर जाएंगे। SDRF तैनात कर दी गई है। लाउडस्पीकर से लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा जा रहा है।

उत्तराखंड के DGP ने कहा अभी 678 इमारतें असुरक्षित हैं। ज्यादातर इमारतों को खाली करा लिया गया है। ये प्रक्रिया अभी जारी है। पूरे इलाके की साइंटिफिक स्टडी हो चुकी है और कुछ इलाकों को सील भी किया जाएगा।

कैबिनेट सेक्रेट्री राजीव गाबा की चेयरमैनशिप में नेशनल क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक हुई। इसमें जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में सभी निवासियों की पूर्ण और सुरक्षित निकासी को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया।

लोगों ने जोशीमठ में मार्च निकाला और नारेबाजी की। उनका कहना है कि पुनर्वास ठीक से किया जाए और मुआवजा उचित हो।

आज गृह मंत्रालय की एक टीम ने जोशीमठ में लैंडस्लाइड में हुए नुकसान का जायजा लिया।

अब तक 4 हजार लोगों को जोशीमठ के खतरे वाले इलाकों से हटाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में 16 जनवरी को सुनवाई

इस मामले पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोकतंत्र के जरिए चुने गए संस्थान है, जो इस मामले को देख रहे हैं। हर मामला हमारे पास लाना जरूरी नहीं।

होटल मालिक ने मांगा मुआवजा

होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा, अगर लोगों के भले के लिए इमारत गिराई जानी है तो मैं सरकार के साथ हूं। फिर चाहे जरा सी ही दरार ही क्यों न आई हो। लेकिन मुझे नोटिस तो दिया जाना था। होटल का मूल्यांकन करते। मैंने ऐसा करने को कहा है। मुझे मुआवजा दिया जाए। इसके बाद मैं चला जाऊंगा।

दरार वाले मकान गिराने की सिफारिश

राज्य सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया है। ये जोन होंगे- डेंजर, बफर और सेफ जोन। डेंजर जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं। ऐसे मकानों को मैन्युअली गिराया जाएगा, जबकि सेफ जोन में वैसे घर होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और जिसके टूटने की आशंका बेहद कम है। बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है। एक्सपर्ट्स की एक टीम दरार वाले मकानों को गिराने की सिफारिश कर चुकी है।

लैंडस्लाइड से हमारा कोई लेना देना नहीं- NTPC

राज्य की पावर प्रोड्यूसर कंपनी NTPC ने कहा है कि तपोवन विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट का जोशीमठ में हो रहे लैंडस्लाइड से कोई लेना-देना नहीं है। बता दें कि जोशीमठ लैंडस्लाइड के लिए NTPC के एक हाइड्रो प्रोजेक्ट को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि NTPC के हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए सुरंग खोदी गई, जिस वजह से शहर धंस रहा है। हालांकि NTPC ने इन सब बातों को खारिज कर दिया है।


 7usfur
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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