जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने को-एजुकेशन पर सवाल उठाए हैं। अरशद मदनी ने कहा, को-एजुकेशन से धर्म परिवर्तन को ऊर्जा मिल रही है। अपनी बच्चियों को धर्मांतरण के प्रलोभन से बचाने के लिए हमें अपने शिक्षण संस्थान खोलने ही होंगे। क्योंकि देश में तेजी से धर्म त्याग बढ़ रहा है। धर्म परिवर्तन का सिलसिला खतरनाक है।
तीन दिन पहले की थी हिंदू-मुस्लिम एकता की बात
अभी तीन दिन पहले हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशनंद से मिले थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता की बात की थी। दोनों का खून एक बताया था। धर्म परिवर्तन को जबरन कराना गलत बताया था। अब तीन दिन बाद को-एजुकेशन पर सवाल उठा दिए हैं।
इतिहास के बहुत नाजुक मोड़ पर मुसलमान
अरशद मदनी ने कहा, मुसलमानों के कल्याण और उनकी शिक्षा के विकास के लिए अब जो भी करना है, हमें खुद करना होगा। आजादी के बाद से मुसलमान का एक समूह इतिहास के बहुत नाजुक मोड़ पर खड़ा है। हमें विभिन्न प्रकार की समस्याओं में उलझाया जा रहा है। आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शिक्षा के विकास के रास्ते बंद किए जा रहे हैं। खामोश साजिश को नाकाम करने के लिए हमें अपने बच्चे और बच्चियों के लिए अलग से शिक्षण संस्थाएं स्थापित करनी होंगी। क्योंकि इतिहास गवाह है हर दौर में विकास की चाबी शिक्षा ही रही है।
मदनी बोले- मुसलमानों को बेघर किया जा रहा
मौलाना अरशद मदनी ने असम, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में मुसलमानों को बेघर किए जाने को योजना बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह न्याय है कि दशकों से आबाद लोगों को बेघर कर दिया जाए। उन्हें उचित मुआवजा भी न दिया जाए। उन्होंने यह बात दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय के मदनी हाल में मौलाना सैयद अरशद मदनी की अध्यक्षता में जमीयत कार्य समिति की बैठक में कही।
मुसलमानों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से प्रोपेगैंडा
अरशद मदनी ने कहा, धर्म परिवर्तन को को-एजुकेशन के कारण ऊर्जा मिल रही है। हमने पूर्व में इसीलिए इसका विरोध किया था। लेकिन, उस समय हमारी इस बात को नकारात्मक अंदाज में पेश करते हुए यह प्रोपेगैंडा किया गया था कि जमीयत लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ हैं। लेकिन, हम लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ नहीं, बल्कि को-एजुकेशन के खिलाफ हैं।
अरशद मदनी ने कहा, धर्म परिवर्तन का जो सिलसिला चल रहा है, वह खतरनाक है। मुसलमानों के खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है। हमारी बच्चियों को निशाना बनाया जा रहा है। इस फसाद को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यदि इसे नहीं रोका गया तो भविष्य में इसके और अधिक खतरनाक परिणाम देखने को मिलेंगे।
दो करोड़ हुई स्कालरशिप की धनराशि
अरशद मदनी ने बताया कि गरीब और जरूरतमंद छात्रों को दी जाने वाली स्कालरशिप को छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक करोड़ से बढ़ाकर इस वर्ष दो करोड़ रुपए कर दी गई है। उम्मीद जताई कि हम अपने प्रस्तावित बजट से अधिक से अधिक जरूरतमंद बच्चों तक अपनी आर्थिक सहायता पहुंचा सकेंगे। बिना किसी भेदभाव स्कालरशिप का फायदा सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को दिया जा रहा है।