मुंबई. संतोषी मां और अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो फेम रतन राजपूत बेबाकी से टीवी इंडस्ट्री के हर सही-गलत मुद्दे पर अपना पक्ष रखती हैं. अपने व्लॉग के जरिए वह फैंस के साथ अपने पर्सनल और प्रोफेशनल अनुभवों को शेयर करती हैं. अपने लेटेस्ट व्लॉग में उन्होंने ग्लैमर वर्ल्ड, हाई क्लास और लो क्लास के बीच अंतर पर बात की. उन्होंने ये भी बताया कि कैसे हाईक्लास सोसायटी में सुसाइड बहुत ज्यादा होते हैं. वह दिखावे के लिए अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेते हैं. इतना ही नहीं उनके पास पैसे भी नहीं होते और वे सिर्फ अपना स्टेटस बनाए रखने के लिए कर्जा लेकर पार्टियां करते हैं.
रतना राजपूत के साथ व्लॉग में उनके साइकोलॉजिस्ट मामा भी दिखे, जिन्होंने इंट्रोवर्ट और हाई और लो सोसायटी पर काफी अच्छे से स्पष्टीकरण दिया. मामा के साथ-साथ रतन राजपूत ने अपने अनुभवों को बताया. उन्होंने ये भी बताया कि इस वीडियो को बनाने के लिए एक यूजर ने उन्हें इंस्पायर किया, जो उन्हें ट्रोल करने की कोशिश कर रहा था.
रतन राजपूत बताया कि हाईक्लास लोग कैसे होते हैं. उन्होंने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को सबसे हाईक्लास सोसायटी बताया. उन्होंने कहा कि हाईक्लास लोग बढ़िया-बढ़िया कपड़े पहनते हैं, चश्मा लगाते हैं. आपसे बात नहीं करेंगे और आपके कुछ कहने पर इधर-उधर देखते हैं. उन्होंने कहा ग्लैमर वर्ल्ड में लोगों को घर का किराया देने में दिक्कत होती है. लेकिन अपना कूल और हाईक्लास स्टैंडर्ड दिखाने के लिए कर्जा यानी लोन लेकर अपना लाइफ स्टाइल चेंद कर लेते हैं.
रतन राजपूत आगे कहती हैं कि कर्जा लेकर अपना स्टैंडर्ड मैंटेन करने वाले सिर्फ कुछ साल तक ही ऐसा कर पाते हैं. वह कहती हैं कि सोचिए इन पर हाईक्लास दिखने का कितना बोझ रता है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति हाईक्लास अपनी सोच से होता है ना कि महंगी गाड़ियों और ब्रांडेंड कपड़े उन्हें ग्लैमर या हाईक्लास बनाते हैं. उन्होंने कहा कि हाईक्लास दिखने के चक्कर में लोग सुसाइड भी कर लेते हैं.
मीडिया को दिखाना होता है हाईक्लास एटिट्यूड
रतन राजपूत ने कहा कि लोगों के पास पैसे नहीं रहते हैं, पार्टी करनी होती है क्योंकि मीडिया को दिखाना होता है कि वह सच में हाईक्लास पर्सन है. उसके पास रूम रेंट देने के लिए पैसा नहीं लेकिन बड़े-बड़े होटल बुक करते हैं. रतन ने कहा उन्होंने ऐसे लोगों को देखा है, जो दिखावे में ऊपर पहुंचे और फिर अचानक से गायब हो गए. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपनी जड़ों को याद रखें और हमेशा खुश रहें.