यूपी STF की 12 टीमों ने 67 दिन में 177 लोगों से पूछताछ कर वीसी विनय पाठक मामले में वैज्ञानिक और अन्य साक्ष्य जुटाए थे। जिसके आधार पर ही उनके खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धारा बढ़ाई गई थी। यह जानकारी STF ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कही है।
सरकार ने पूरे मामले की CBI जांच की संस्तुति की
वीसी विनय पाठक मामले में सरकार ने CBI जांच की संस्तुति की है। इसके बाद से STF ने अपनी कार्रवाई लगभग रोक दी है। STF ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में भी लिखा है कि उसकी 12 टीमों ने 177 लोगों के बयान के आधार पर वीसी के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए।
जांच में एकेटीयू, आगरा यूनिवर्सिटी, कानपुर यूनिवर्सिटी के उन प्रशासनिक अफसरों के बयान भी महत्वपूर्ण रहे जो लगातार आगाह करते रहे थे कि ऐसा करना ठीक नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक एक्सएलआईसीटी कंपनी के संचालक अजय मिश्र को प्री व पोस्ट परीक्षा के अलावा कई और जिम्मेदारी देने का लगातार विरोध किया था।
STF के पास विनय पाठक के खिलाफ पर्याप्त सबूत
STF ने अपनी जांच की प्रगति बताते हुए शासन में यह भी बताया कि सीएसजीएमयू के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ काफी साक्ष्य मिले हैं। अजय मिश्र की इंदिरा नगर स्थित प्रिन्टिंग प्रेस में बिहार की कई यूनिवर्सिटी के अलावा लखनऊ यूनिवर्सिटी के पेपर भी यहां नियम खिलाफ तरीके से छापने का टेंडर हुआ था।