ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में राजस्थान कांग्रेस से 60 नेताओं को सदस्य बनाया जाना है। इसके लिए राजस्थान में एआईसीसी की तरफ से नियुक्त प्रदेश निर्वाचन प्रभारी राजेन्द्र सिंह कुम्पावत ने अपना होमवर्क पूरा कर लिया है। वे पिछले दो दिनों से जयपुर में ही थे और अब गुरुवार को दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली में इन सदस्यों की सूची संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, चुनाव प्राधिकरण के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि सप्ताह भर में खड़गे के स्तर पर इन नए सदस्यों के नामों की घोषणा हो जाएगी। राजस्थान में पार्टी सत्ता में है और 10-11 महीनों बाद विधानसभा के चुनावों को फेस करना है। ऐसे में यहां से जिन सदस्यों को शामिल किया जाना है, उनमें तमाम तरह के सत्ता, चुनाव, सरकार आदि से जुड़े समीकरणों का विशेष ध्यान रखा गया है।
करीब दो महीने पहले खड़गे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर एआईसीसी को भंग कर एक नेशनल स्टीयरिंग कमेटी कांग्रेस में बना दी गई थी। अब इस कमेटी को भंग कर पुन: एआईसीसी को विधिवत रूप से बनाया जाएगा। उसके बाद कांग्रेस की शीर्ष निर्णयकारी संस्था सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) का गठन होगा। उसके लिए चुनाव करवाए जाएंगे, तब इन्हीं सदस्यों में से कोई सदस्य चुनाव भी लड़ सकेगा।
अपने मूल प्रदेश गुजरात से राजस्थान पहुंचे निर्वाचन प्रभारी राजेन्द्र सिंह कुम्पावत ने भास्कर को बताया कि अनुभवी नेताओं के साथ राजस्थान के सभी क्षेत्रों, महिलाओं, युवाओं को समुचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जा रही है। सूची तैयार है। अब दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्तर पर ही इसे जारी किया जाएगा। मैं अगले एक-दो दिन में दिल्ली में यह सूची सौंप दूंगा। उसके बाद उम्मीद है कि सप्ताह भर यह सूची जारी हो जाएगी।
मिस्त्री ने 20 जनवरी से पहले सभी राज्यों से मांगी सदस्यों की लिस्ट
कांग्रेस के राष्ट्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधूसूदन मिस्त्री ने 20 जनवरी से पहले राजस्थान सहित सभी प्रदेशों के निर्वाचन अधिकारियों से एआईसीसी सदस्यों की सूची मांगी है। इस सूची के बाद कांग्रेस की सबसे ताकतवर संस्था सीडब्ल्यूसी के लिए 12 सदस्यों का चुनाव करवाया जाएगा। इन नए बनने वाले 12 सदस्यों का 24 से 26 फरवरी के बीच 3 दिनों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। इन 12 सदस्यों के चुनावों में राजस्थान से चुने जाने वाले 60 एआईसीसी सदस्य मतदान करेंगे। संभव है कि राजस्थान से भी कोई नेता चुनाव लड़ लें।
एआईसीसी में राजस्थान से यह हैं संभावित नाम
सीएम अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित सचिन पायलट, हरीश चौधरी, रघु शर्मा, रघुवीर मीणा, भंवर जितेंद्र सिंह, धीरज गुर्जर, शकुंतला रावत, जुबेर खान, अशोक चांदना, रामलाल जाट, ममता भूपेश, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, सीताराम अग्रवाल, ललित तुंगवाल, राम सिंह कस्वा, प्रताप सिंह खाचरियावास, उर्मिला जैन, ताराचंद भगौरा, दिनेश खराड़ी, उदयलाल आंजना, विश्वेन्द्र सिंह, जाहिदा खान, रेहाना रियाज, रामनारायण मीणा, नमोनारायण मीणा, रामेश्वर लाल डूडी, डॉ. चंद्रभान, डॉ. बीडी कल्ला, मुरारी लाल मीणा, वेदप्रकाश सोलंकी, भंवर सिंह भाटी, बद्रीराम प्रसाद जाखड़, डॉ. गिरिजा व्यास, राकेश पारीक, रीटा चौधरी, दिव्या मदेरणा, टीकाराम जूली, डॉ. जितेन्द्र सिंह, राजेन्द्र पारीक, वीरेंद्र सिंह, सालेह मोहम्मद, अमीन खां, डॉ. अर्चना शर्मा, गोपाल सिंह ईडवा, लक्ष्मण सिंह रावत, प्रमोद जैन भाया, शंकर पन्नू, दानिश अबरार, खिलाड़ी लाल बैरवा, प्रशांत बैरवा, विभा माथुर, जसवंत गुर्जर, गिरिराज गर्ग, ज्योति खंडेलवाल, प्रशांत सहदेव शर्मा, जीआर खटाना सहित कुछ अन्य नेताओं के नाम एआईसीसी में शामिल हो सकते हैं।
एआईसीसी में बेहतर प्रतिनिधित्व से चुनावों में रहेगी कांग्रेस को आसानी
कांग्रेस पार्टी और सरकार दोनों ही पिछले 4 साल में सरकार गिराने से लेकर, गुटबाजी, अविश्वास, अनुशासनहीनता और इस्तीफा पॉलिटिक्स में घिरी रही है। अब 10-11 महीनों बाद चुनाव हैं। ऐसे में कांग्रेस सभी जाति-समुदायों सहित महिलाओं व युवाओं को बेहतर प्रतिनिधित्व देकर अपनी चुनावी रणनीति को भी मजबूत करेगी। कांग्रेस इस सूची में ऐसे लोगों को ही रखना चाहेगी, जिनकी वजह से पार्टी मजबूत हो और उसके चुनावी समीकरणों पर सकारात्मक असर पड़े।
शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को नहीं मिलेगी जगह
विधायकों के इस्तीफा प्रकरण में अनुशासनहीनता का नोटिस पाए तीन नेताओं शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के नामों पर विचार तो किया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन्हें फिलहाल शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 नेताओं मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, विधायक वाजिब अली, जोगेन्द्र सिंह अवाना, लाखन सिंह मीणा, संदीप यादव और दीपचंद को भी एआईसीसी में जगह मिलना मुश्किल है।