इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हुई दो ISI अधिकारियों की हत्या ने एक बार फिर देश में आतंकी समूहों के आतंक को उजागर कर दिया है. बुधवार को खानेवाल में हुई दो खुफिया एजेंसी के अधिकारियों की हत्या के मामले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और तथाकथित लश्कर-ए-खुरासन (Lashkar-i-Khorasan) का नाम सामने आया है. पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने दो खुफिया अधिकारियों की हत्या में शामिल एक संदिग्ध के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है.
अखबार ने FIR के हवाले से बताया कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस मुल्तान क्षेत्र के निदेशक नवीद सादिक (Naveed Sadiq) और इंस्पेक्टर नासिर अब्बास (Nasir Abbas) खानवाल जिले में पिरोवाल के पास हाईवे किनारे स्थित होटल में एक खबरी से मिले थे. चाय पीने के बाद, वे सभी पार्किंग में चले गए जब उमर खान के रूप में पहचाने जाने वाले खबरी ने अपनी बंदूक से अधिकारियों को गोली मार दी और घटनास्थल से भाग गया. कथित तौर पर संदिग्ध ने अपने समूह के नेता असदुल्लाह के निर्देश पर हमले को अंजाम दिया.
सीटीडी मुल्तान थाना पुलिस ने अधिकारी के चालक की शिकायत पर हत्या और आतंकवाद के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीटीडी पंजाब के प्रमुख इमरान महमूद ने डॉन को बताया कि संदिग्ध की पहचान कर ली गई है और उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि खुफिया अधिकारियों पर हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
इससे पहले खुद को लश्कर-ए-खुरासन कहने वाले एक समूह ने भी ऐसा ही दावा किया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अलकायदा (Al Qaeda) से जुड़ा हुआ है.