Up: 3 दिन में अटैक पड़ने से 40 लोगों की मौत; कानपुर में ठंड में फट रहीं दिमाग की नसें, अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ रहे मरीज

Up: 3 दिन में अटैक पड़ने से 40 लोगों की मौत; कानपुर में ठंड में फट रहीं दिमाग की नसें, अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ रहे मरीज

कानपुर में बीते 24 घंटे में शीतलहर के चलते हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के मामले बढ़ गए हैं। शहर में हैलट अस्पताल में एक दिन में हार्ट अटैक से 11 और ब्रेन अटैक से 4 रोगियों की मौत हो गई। इसके अलावा 3 हार्ट पेशेंट्स ने कार्डियोलॉजी पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। वहीं, 8 हार्ट रोगियों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बीते 3 दिनों में 40 लोगों की मौत हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक से हुई है।

ठंड से फट रहीं दिमाग की नसें

सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मस्तिष्क की नस फटने के वार्ड में 20 रोगियों का इलाज चल रहा है। वहीं, न्यूरो साइंसेज विभाग में बुधवार देर रात तक दिमाग की नस फटने के 10 रोगियों को भर्ती किया गया। ब्रेन अटैक से चार रोगियों की मौत हुई।

ब्लड प्रेशर हो रहा अनियंत्रित

डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के जो रोगी आ रहे हैं, उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया था। इसके साथ ही जो डायबिटीज, गुर्दा, लिवर का पुराना रोगी हैं। उनके लिए खतरा अधिक है। कार्डियोलॉजी इमरजेंसी और OPD में बुधवार को 753 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 49 रोगियों को अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया गया

ठंड में रोगियों की तबीयत होती ज्यादा खराब

इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि जाड़े में रोगियों की तबीयत अधिक खराब होती है। एहतियात बरतने के साथ रोगी कंट्रोल रूम से संपर्क करके अपनी समस्या बता सकते हैं। रोगी को दिक्कत होने पर परिजन तुरंत अस्पताल लेकर आएं। इधर-उधर भटकने से रोगी की स्थिति और खराब हो सकती है।

हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, एक्सपर्ट से समझें...

खानपान: मोटा अनाज और कम मीठे फल लें

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

वर्कआउट: 45 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक जरूरी

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

लाइफस्टाइल: जल्दी सोने-जल्दी उठने का रुटीन बनाएं, 7 घंटे की नींद जरूरी

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है।

धूम्रपान-अल्कोहल: इससे जितना दूर रहेंगे, हार्ट उतना हेल्दी रहेगा

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

पहाड़ों से आ रहीं ठंडी हवाएं

बुधवार को दोपहर बाद कुछ देर के लिए धूप जरूर निकली लेकिन बर्फीली हवाओं से हाड़ कंपा देने वाली गलन पड़ी। जैसे-जैसे दिन ढलता गया, सर्दी का कहर बढ़ता गया। सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों से आनी वाली हवाओं की वजह से अभी ठंड से राहत मिलने वाली नहीं है।

तापमान बढ़ा, लेकिन ठंड से राहत नहीं

अधिकतम तापमान एक दिन पहले की अपेक्षा तीन डिग्री बढ़कर 13.2 पर जरूर पहुंच गया, लेकिन सामान्य तापमान से यह 3.5 डिग्री सेल्सियस कम रहा। इसी तरह न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री बढ़कर 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार आसमान साफ होने की वजह से रात के समय तापमान और गिर सकता है।

10 जनवरी तक पाले का खतरा

इस बीच ग्रामीण क्षेत्रों में पाला पड़ना भी शुरू हो गया है। इससे फली और नरम तने वाली फसलों को नुकसान हो सकता है। सीएसए के मौसम विभाग ने फसलों को पाला से बचाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार 10 जनवरी तक पाला पड़ने की संभावना है। यह स्थिति तब होती है जब आसमान साफ हो जाता और तापमान कम हो जाए।

इन फसलों को हो सकता है नुकसान

पाला गेहूं, जौ, सरसों, जीरा, धनिया, सौंफ, अफीम, मटर, चना, गन्ना के अलावा टमाटर, मिर्ची, बैंगन को 30 से 60 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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