यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों की मान्यता अब तीन साल के लिए दी जाएगी। बाद में मान्यता शर्तों को पूरा करने के बाद पांच साल के लिए इसका रिन्यूअल किया जाएगा। शासन से स्वीकृत नई मान्यता की शर्तों में निर्धारित है।
पहले मान्यता के लिए स्थलीय निरीक्षण में व्यवस्था थी कि दिवस3 भवन के समक्ष खड़े होकर अपना और भवन का फोटो खिंचवाकर रिपोर्ट के साथ संलग्न करेंगे। अब जनपदीय समिति विस्तृत निरीक्षण करेगी। समिति द्वारा निरीक्षण के समय विद्यालय भवन, प्रयोगशाला, खेल के मैदान, बाउंड्रीवाल, पुस्तकालय की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी की जाएगी। इसे परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा नई शर्तों में विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात 40:01 से अधिक नहीं होगा। प्रत्येक विषय का एक शिक्षक होना अनिवार्य होगा। विद्यालय द्वारा लिए जा रहे शिक्षण शुल्क का लेखाजोखा रखा जाएगा। शिक्षण शुल्क में से कम से कम 70 प्रतिशत शैक्षिक व अन्य कर्मियों की परिलब्धियों पर खर्च होगा। इसके अलावा अब शिक्षकों, छात्रों की उपस्थिति बोर्ड की वेबसाइट/पोर्टल पर प्रत्येक कार्यदिवस में दर्ज करनी होगी।
स्कूल की वेबसाइट पर ईमेल, फोन नंबर के अलावा आधारभूत सुविधाओं जैसे भवन, कक्षों की संख्या, कंप्यूटर, खेल, पुस्तकालय, लाइट, पंखे आदि का विवरण दिया जाएगा। योग्यता सहित शिक्षकों का विवरण, कक्षावार छात्र, छात्राओं की संख्या, प्रत्येक वर्ष का परीक्षाफल व शुल्क का विवरण भी प्रदर्शित करना होगा। पानी के लिए सबमर्सिबल, आरओ, पाइप पेयजल, ओवरहेड टैंक, हैंडवाश प्लेटफार्म, अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों की लंबाई के हिसाब से अलग-अलग ऊंचाई के प्लेटफार्म की व्यवस्था करनी होगी। छात्र, छात्राओं के अलग-अलग शौचालय के अलावा दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम करने होंगे।
पहले छात्र संख्या के अनुसार सिर्फ शौचालय व पीने के पानी के लिए हैंडपंप या अन्य कोई समुचित व्यवस्था की शर्त थी।अब मान्यता 30 वर्ष की रजिस्टर्ड लीज डीड पर भी दी जा सकेगी। कई अन्य मानक भी परिवर्तित हुए हैं।