यूपी के सबसे प्रीमियर चिकित्सा संस्थान में क्रिटिकल रोगियों के लिए बड़ा प्रयास किया जा रहा हैं। बुधवार को इसी मकसद से SGPGI और पावर-ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच MOU साइन हुआ।
पावर ग्रिड CSR के तहत SGPGI के TeleICU प्रोजेक्ट को 11.71 करोड़ का फंड देगा। SGPGI हब एंड स्पॉक मॉडल पर देश के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पहली बार TeleICU के कांसेप्ट को इम्पलीमेंट करने के दावे कर रहा हैं।
हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित है, जिसमें SGPGI हब हैं और उत्तर प्रदेश के छह पुराने राजकीय मेडिकल कॉलेज (गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, मेरठ और झांसी) स्पॉक होंगे।
इस नेटवर्क में, छह राजकीय मेडिकल कॉलेजों के 60 आईसीयू बेड और SGPGI में 30 आईसीयू बेड को अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
SGPGI के निदेशक प्रो.आरके धीमन ने बताया कि बताया गया है कि पावर ग्रिड ने अपने CSR फंड के तहत 11.71 करोड़ रुपये प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की हैं। देशभर के सरकारी संस्थानों के बीच इतने बड़े पैमाने पर लागू होने वाले यह SGPGI का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट हैं।
यह पायलट प्रोजेक्ट राज्य के मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करने और इसे एसजीपीजीआई के बराबर लाने में मदद करेगा। आईसीयू की जरूरत वाले गंभीर बीमार रोगियों के घरों के करीब बेहतर देखभाल देने में सहायक सिद्ध होगा। यही नहीं इस टेली-आईसीयू-नेटवर्क से आईसीयू रोगियों को एसजीपीजीआई तक लाने में असुविधा भी समाप्त होगी, जिससे गंभीर हालत वाले रोगियों के परिवारों और रिश्तेदारों को बड़ी राहत मिलेगी।
यह पायलट टेली-आईसीयू परियोजना मैसर्स क्लाउड फिजिशियन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। उन्हें लोकल सपोर्ट उनके प्रमुख भागीदार मेसर्स सीएसपीएल कंप्यूटर प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ द्वारा प्रदान किया जाएगा।
SGPGI गंभीर रूप से बीमार मरीजों की देखभाल के लिए रिमोट के माध्यम से लाइव परामर्श के साथ-साथ संबंधित मेडिकल कॉलेजों के जुड़े आईसीयू में तैनात स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए आईसीयू विशेषज्ञता प्रदान करेगा। उत्तर प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर आईसीयू आउटरीच की सुविधा देने वाली यह पहली परियोजना है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व वाली सरकार लागू करने जा रही है।
इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल इम्प्लीमेंटेशन पर यूपी के सभी 75 जिलों/मेडिकल कॉलेजों में इन सेवाओं के और विस्तार किया जाएगा।