New Delhi: रूस के 89 सैनिकों की मोबाइल फोन के कारण गयी जान, यूक्रेन ने लोकेशन ट्रेक करके ताबड़तोड़ किए हमले

New Delhi: रूस के 89 सैनिकों की मोबाइल फोन के कारण गयी जान, यूक्रेन ने लोकेशन ट्रेक करके ताबड़तोड़ किए हमले

कीव: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को अब पूरे 10 महीने हो गये हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से जंग चल रही हैं। दोनों की देश को काफी ज्यादा नुकसान हो गया हैं। युद्ध के दौरान एक बात साबित होती दिखाई पड़ रही है कि रूस भले ही बहुत बड़ा देश है लेकिन छोटे से देश यूक्रेन ने अपनी नयी तकनीकि के हथियारों से रूसी सेना को पस्त कर रखा हैं। यूक्रेन के ड्रोन-रॉकेट हमलों में रूस के सेकड़ों सैनिकों के मारे जाने की खबर हैं। आखिर कैसे रॉकेट की मदद से रूसी सैनिकों को यूक्रेन से खोजा? ये बड़ा सवाल था। अब इसके बारे में जानकारी सामने आ रही है कि यूक्रेन ने रूसी सैनिकों द्वारा इस्तेमान किए जा रहे फोन से उनकी सटीक लोकेशन का यूक्रेनियों ने पता लगाता और घात लगाकर हमला कर दिया। रूसी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में 89 लोग मारे गए। जबकि यूक्रेन ने कहा कि नए साल के दिन हुए हमले में करीब 400 रूसी सैन्यकर्मी मारे गए। 

यूक्रेन ने किया रूस पर रॉकेट हमला, 89 सैनिकों की मौत

रूसी सैनिकों द्वारा मोबाइल फोन के अनधिकृत इस्तेमाल से सिग्नल का पता चलने के कारण यूक्रेन के रॉकेट ने उस जगह हमले किए जहां वे ठहरे हुए थे। रूस की सेना ने मंगलवार को कहा कि सप्ताहांत में यूक्रेन के हमलों में मारे गए सैनिकों की संख्या 89 हो गई है। जनरल लेफ्टिनेंट सर्गेई सेवरीयूकोव ने एक बयान में बताया कि फोन के सिग्नल की वजह से यूक्रेन की सेना को सैन्यकर्मियों के ठिकाने का पता चल गया और उसने हमले किए। सेवरीयूकोव ने कहा कि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने नियमों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करने का वादा किया। यह युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी सैनिकों पर किए गए सबसे घातक हमलों में से एक था।

यूक्रेन अपनी तकनीकी से दे रहा है रूस को मात

यूक्रेन की सेना ने हिमार्स प्रक्षेपण प्रणाली से उस जगह पर छह रॉकेट दागे जहां सैनिक ठहरे हुए थे। उनमें से दो रॉकेट को गिरा दिया गया लेकिन इमारत से टकराने के बाद इनमें विस्फोट हुआ जिससे ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया। ब्रिटेन के खुफिया अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अधिक संख्या में सैनिकों के हताहत होने के लिए रूस की ‘‘गैर-पेशेवर’’ सैन्य प्रथाओं को आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘नुकसान के स्तर को देखते हुएइस बात की अधिक संभावना है कि गोला-बारूद सैन्य ठिकाने के पास जमा किया जा रहा था, जहां हमलों के दौरान विस्फोट हुए।’’ इस बीच, दोनेत्सक क्षेत्र में रूस द्वारा नियुक्त नेता डेनिस पुशिलिन ने दिवंगत रूसी सैनिकों के ‘साहस और वीरता’ की प्रशंसा की। पुशिलिन ने टेलीग्राम पर कहा कि आग की लपटों में घिरी इमारत से अपने साथियों को निकालने में कुछ सैनिक मारे गए। रूस के रक्षा मंत्रालय ने पूर्व में कहा था कि हमले में 63 सैनिक मारे गए। सेवरीयूकोव ने बताया कि आपात सेवा कर्मियों द्वारा इमारत का मलबा हटाए जाने के बाद कुछ अन्य शव मिलने के साथ मृतकों की संख्या 89 हो गई।

रूसी सैनिकों के मोबाइल लोकेशन से ट्रेक करके लगाया घात

हमले में रेजिमेंट का उप कमांडर भी मारा गया। कुछ अन्य खबरों में मृतकों की संख्या ज्यादा होने की बात कही गई है लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पाई। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के सामरिक संचार निदेशालय ने रविवार को दावा किया कि मकीवका में एक व्यावसायिक स्कूल की इमारत में लगभग 400 लामबंद रूसी सैनिक मारे गए और लगभग 300 अन्य घायल हो गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने बुधवार को कहा कि दक्षिण से लेकर पूर्व तक नौ क्षेत्रों में रूसी सैन्य बलों के हमले में पिछले 24 घंटे में यूक्रेन के पांच लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। यूक्रेन रूसी हमले के खिलाफ अपनी लड़ाई में पश्चिमी देशों से लगातार सहयोग मांग रहा है। तीन फरवरी को यूरोपीय संघ-यूक्रेन शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ईयू परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन से यूरोपीय सहयोग को लेकर बातचीत करेंगे। सम्मेलन के स्थल की जानकारी नहीं दी गई है।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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