ERCP का सच बुक का विमोचन करने लालसोट पहुंचे किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा शेखावत अपनी राजनीतिक द्वेषता की पूर्ति के लिए पूरी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में अड़ंगा लगाकर पलीता लगाने में जुटे हैं। जबकि प्रधानमंत्री द्वारा अजमेर व जयपुर की सभाओं में ईआरसीपी को लेकर की गई घोषणाओं का भी जल शक्ति मंत्रालय सम्मान नहीं कर रहा है।
जाट ने कहा केंद्र सरकार अगर मदद नहीं करेगी तो भी इस परियोजना को पूरा करने की घोषणा राज्य की कांग्रेस सरकार ने की है तथा विगत दो बार के बजट में करीब 10 हजार करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। लेकिन आने वाला बजट में सरकार 30 हजार करोड़ का बजट परियोजना के लिए घोषणा कर किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करें। वहीं परियोजना से वंचित रहे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के बांधों को DPR संशोधित कर जोड़ा जाए।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री शेखावत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जल शक्ति मंत्रालय राजस्थान के सांसद के हाथों में है, लेकिन जिन्हें राजस्थान के किसानों के हितों के बारे में ध्यान देना चाहिए था उन्होंने मुंह मोड़ लिया है। राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने में केंद्र का हिस्सा राशि 90% से घटाकर 60% कर दिया, लेकिन केंद्रीय मंत्री इसके भी उलट काम कर योजना को पलीता लगा रहे हैं।
जाट ने कहा पार्वती - कालीसिंध - चंबल (पीकेसी) का पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से एकीकरण की स्वीकृति का राग अलापा जा रहा है, जबकि नई प्रक्रिया से किसानों को आधा पानी भी नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारण कुछ भी हो सकते हैं लेकिन राजस्थान के किसानों के हितों में जल शक्ति मंत्री को सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए तथा ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित की जानी चाहिए।
MSP पर खरीद की गारंटी कानून लाने की मांग
वहीं दूसरी तरफ किसान महापंचायत MSP पर खरीद की गारंटी कानून के लिए पूरे देश में ग्राम सभा में संकल्प पारित कराने के लिए काम कर रही है। राज्य में इस अभियान को शुरू कर दिया गया है। ग्राम पंचायत के कुल मतदाताओं में से 10% मतदाताओं के हस्ताक्षर कराकर ग्राम सभाओं का आयोजन करवाया जाएगा। जिसमें संकल्प पारित कराकर केंद्र तथा राज्य सरकार को भिजवाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी में कीमत की बढ़ोतरी कर देती है लेकिन समूचा माल किसानों का खरीद नहीं करती इसके लिए सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए किसान अब सड़कों पर जाने की जगह प्रोटेस्ट फ्रॉम होम प्रक्रिया से गांव में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर ग्राम सभाओं में संकल्प पारित कराकर सरकार पर दबाव बनाने का काम करेगा।