राजस्थान में बीजेपी की जनाक्रोश सभाएं अगले 10 दिन तक और चल सकती हैं। कांग्रेस सरकार के 4 साल के विरोध में बीजेपी ने पिछले महीने जनाक्रोश आंदोलन लॉन्च किया था। इस आंदोलन में पूरे प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में जनाक्रोश रथयात्रा निकालने के बाद बीजेपी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनाक्रोश सभाएं कीं। 16 दिसम्बर से शुरू हुआ बीजेपी की जनाक्रोश सभाओं का यह दौर जनवरी के दूसरे सप्ताह तक जारी रह सकता है।
बीजेपी अबतक 200 में से 128 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी जनाक्रोश सभाएं कर चुकी है। वहीं 72 और विधानसभा क्षेत्रों में ये सभाएं होनी है। मारवाड़ और हाड़ौती क्षेत्र के कई इलाकों में अभी भी जनसभाएं होना शेष है। बीजेपी अपने इस अभियान से कांग्रेस के प्रति माहौल बनाने के साथ-साथ राजस्थान में खुद की एकता दर्शाने की कोशिश में है। मगर अब भी कई मोर्चों पर बीजेपी में खेमेबंदी और खींचतान दिखाई दे रही है।
वसुंधरा अबतक जनाक्रोश से दूर
1 दिसम्बर से शुरू हुए बीजेपी के इस आंदोलन में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बहुत ज्यादा शामिल होती नजर नहीं आई हैं। आंदोलन की शुरुआत में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम के बाद वसुंधरा ने इस आंदोलन से दूरी बनाई हुई है। हालांकि इसके पीछे बीजेपी उनके पारिवारिक कारण होना बताती है। मगर यह भी एक सच्चाई है कि वसुंधरा इस बीच अन्य कई राजनीतिक, सामाजिक और निजी कार्यक्रमों में शामिल हुई हैं। मगर जनाक्रोश में वसुंधरा राजे का ज्यादा सक्रियता से शामिल नहीं होना बीजेपी में चर्चा का विषय जरूर है।
सतीश पूनिया, अरूण सिंह, अर्जुन मेघवाल ज्यादा सक्रिय
बीजेपी के जनाक्रोश सभाओं और उससे पहले यात्राओं के दौरान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ज्यादा सक्रिया नजर आए। उन्होंने इस दौरान कई यात्राएं और दौरे किए। प्रदेश के लगभग हर हिस्से में जाकर पूनिया ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनके अलावा प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, केंद्रीय मंत्री अर्जुनलाल मेघवाल, वरिष्ठ नेता विजया रहाटकर, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी काफी सक्रिय नजर आए।
सीपी जोशी-दीया कुमारी भी सक्रिय, शेखावत-कटारिया सीमित
इसके अलावा कई सांसद भी इस आंदोलन में सक्रिय नजर आए हैं। सबसे ज्यादा सक्रिय चित्तौड़ सांसद सीपी जोशी, राजसमंद सांसद दीया कुमारी, बालकनाथ नजर आए। हालांकि केंद्रीय मंत्री गजेंद सिंह शेखावत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी आंदोलन में सीमित तौर पर ही नजर आए। इसके अलावा संगठन महामंत्री चंद्रशेखर भी आंदोलन में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आए।
आंदोलन के बाद बीजेपी करेगी कार्यकर्ता सम्मेलन
बीजेपी ने 10 जनवरी तक सभी 200 विधानसभाओं में जनाक्रोश सभाएं करने का लक्ष्य रखा है। ये सभाएं करने के बाद बीजेपी राजस्थान में बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी। इसमें प्रदेशभर के सभी कार्यकर्ता शामिल होंगे। बीजेपी ने सदस्यता अभियान में भी जिन नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा था वो भी इसमें शामिल होंगे। बीजेपी अपने तमाम आंदोलनों और सम्मेलनों में वर्तमान कांग्रेस सरकार को किसान कर्जमाफी, महिला सुरक्षा, पेपर लीक, गैंगस्टर और माफियाओं के बढ़ते आतंक के मसलों पर घेरेगी।