नई दिल्ली: हार और चोट से परेशान बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए फिटनेस का एक नया मंत्र लॉन्च कर दिया है. यह मंत्र है डेक्सा (Dexa). कहा जा रहा है कि अगर खिलाड़ी इस टेस्ट में फेल हुए तो उन्हें टीम में जगह नहीं मिलेगी. अब यह डेक्सा टेस्ट क्या है. कैसे काम करता है. कैसे खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस पर असर डालता है. आइए जानते हैं.
किसी भी खेल में कामयाबी के लिए फिटनेस पहला मंत्र है. बीसीसीआई भी इस बात से बखूबी वाकिफ है. तभी तो उसने यो-यो टेस्ट के बाद एक और टेस्ट खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया है.
यो-यो टेस्ट. यह टेस्ट टीम इंडिया के लिए नया नहीं है. टीम इंडिया में इसकी एंट्री तब हुई जब विराट कोहली कप्तान हुआ करते थे. सुरेश रैना, पृथ्वी शॉ, संजू सैमसन, मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी यो-यो टेस्ट में फेल हो चुके हैं. बोर्ड ने कोविड काल में यह टेस्ट बंद कर दिया था. अब इसे री-इंट्रोड्यूज किया जा रहा है.
लेकिन, अब सिर्फ यो-यो पर निर्भर रहने से काम नहीं चलेगा. अब खिलाड़ियों को डेक्सा स्कैन से भी गुजरना होगा. इस प्रोसेस में एक्स-रे तकनीक प्रयोग में लाई जाती है. इस टेस्ट से पता चलता है कि हड्डियों की मोटाई या मजबूती कितनी है. इससे बॉडी के फैट परसेंटेज की भी जानकारी मिल जाती है.
पिछले दो टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया अपने प्रमुख खिलाड़ियों के बिना मैदान में उतरी. जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, दीपक चाहर, वॉशिंगटन सुंदर इंजरी की वजह से पिछले साल कई मैच नहीं खेल सके. अब चूंकि इस साल वनडे वर्ल्ड कप भारत में ही होना है. ऐसे में रिस्क की गुंजाइश नहीं है. इसीलिए बीसीसीआई ने यो-यो टेस्ट के साथ डेक्सा टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया है. उम्मीद है टीम इंडिया को इसका फायदा मिलेगा.