आपने ज्यादातर समय स्टेडियम में खेल होते हुए देखे होंगे लेकिन पाकिस्तान में उसे परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि इस्लामाबाद के स्टेडियम में बैठकर पुलिस की भर्ती के लिए 30 हजार से ज्यादा लोगों ने परीक्षा दी है।
आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान में लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं। ऐसे में जब इस्लामाबाद में पुलिस भर्ती के लिए 1,167 पदों के लिए परीक्षा हुई तो इतने बेरोजगार उमड़ पड़े की पूरा स्टेडियम लोगों से भर गया। अभ्यर्थी लड़के-लड़कियों ने स्टेडियम के मैदान से लेकर दर्शक दीर्घा में बैठकर परीक्षा दी।
पाकिस्तान में बेरोजगारी का हाल
पाकिस्तान आर्थिक हालात लगातार वहां के युवाओं से रोजगार के अवसर छीन रहे हैं। पाकिस्तान डेवेलेपमेंट इकॉनोमिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां के 31% युवाओं के पास रोजगार नहीं है। इन 31% लोगों में 51 फीसदी बेरोजगार महिलाएं हैं, जबकि 16 फीसदी पुरूषों के पास नौकरी नहीं है।
इनमें से ज्यादातर युवाओं के पास अच्छी डिग्री हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लेबर फोर्स में भी युवाओं की भागीदारी बिल्कुल नहीं है। या तो ये ऐसे लोग हैं जो काम मिलने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं, या इन्हें रोजमर्रा की जिंदगी जीने के लिए अलग जगहों से पैसे मिलते हैं।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात इतने खराब की सेना को भी अपील करनी पड़ी
पाकिस्तान के आर्थिक हालात इतने गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं कि वहां की सेना को भी इसके बारे में चिंता करनी पड़ रही है। 2022 के आखिरी दिन पाकिस्तान आर्मी के चीफ सैय्यद असीम मुनीर ने सभी लोगों से देश की इकॉनोमी को बचाने की अपील की थी।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की दिक्कत
पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 6.7 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार या फॉरेक्स रिजर्व हैं। इसमें 2.5 अरब डॉलर सऊदी अरब, 1.5 अरब डॉलर UAE और 2 अरब डॉलर चीन के हैं। ये फंड्स सिक्योरिटी डिपॉजिट हैं, यानी शाहबाज शरीफ सरकार इन्हें खर्च नहीं कर सकती। दूसरी बात, सऊदी और UAE 36 घंटे के नोटिस पर ये पैसा वापस ले सकती है। 2019 में भी पाकिस्तान का फॉरेन रिजर्व इतना ही था।
IMF ने 1.7 अरब डॉलर के कर्ज की तीसरी किश्त जारी करने से पिछले महीने ही इनकार कर दिया था। वो पाकिस्तान से शर्तों के मुताबिक, रेवेन्यू बढ़ाने और खर्च कम करने को कह रहा है।
8 दिसंबर को पाकिस्तान ने सऊदी को लेटर लिखा और जल्द से जल्द 3 अरब डॉलर कर्ज देने की गुहार लगाई। जनवरी में ही पाकिस्तान को 8.8 अरब डॉलर की किश्तें चुकानी हैं। जाहिर है एक तरफ तो वो 6.7 अरब डॉलर का रिजर्व खाली नहीं कर सकता, दूसरी तरफ दूसरे देशों या संगठनों से उसे मदद नहीं मिल रही।