कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु रहे पूर्व पोप बेनेडिक्ट सोलहवें (XVI) का शनिवार को 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी सेहत बेहद खराब थी। वेटिकन के स्पोक्सपर्सन माटेओ ब्रूनी ने बताया कि शनिवार सुबह 9 बजकर 34 मिनट पर पोप बेनेडिक्ट ने अंतिम सांस ली।। उन्होंने 2013 में पद से इस्तीफा दे दिया था।
पद छोड़ते समय पोप बेनेडिक्ट ने गिरती सेहत को अपने इस्तीफे की वजह बताया था। उस समय फाइल की गई CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, बेनेडिक्ट से पहले 1415 में पोप ग्रेगरी XII ने पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि, तब ईसाइयों के दो गुटों का झगड़ा इसकी वजह बनी थी। इस तरह, करीब 600 साल के इतिहास में पोप के पद से इस्तीफा देने वाले वे पहले पोप थे।
एक प्रीस्ट की नियुक्ति को लेकर उठा था विवाद
पोप बेनेडिक्ट का कार्यकाल वेटिकन चर्च के दो हजार सालों के इतिहास में सबसे अधिक विवादों से घिरा रहा। पिछले साल यानी 2021 में पोप बेनेडिक्ट ने आखिरकार मान लिया था कि 1980 में वे उस मीटिंग में मौजूद थे, जिसमें बाल यौन शोषण के एक आरोपी प्रीस्ट के बारे में विचार किया गया था। इससे कुछ दिन पहले जर्मनी की एक लॉ फर्म की रिपोर्ट में पोप के हवाले से कहा गया था कि वे ऐसी किसी मीटिंग का हिस्सा नहीं थे।
पुराना बयान बदलने पर बेनेडिक्ट ने सफाई दी थी- ऐसा मेरे स्टेटमेंट की एडिटिंग में गलती के चलते हुआ था। बेनेडिक्ट 1977 से 1982 तक म्यूनिख चर्च के आर्कबिशप थे। इसी दौरान बाल यौन शोषण के चार मामलों की जानकारी मिली थी। बाद में चर्च ने खुद इस मामले की जांच का जिम्मा जर्मनी की एक लॉ फर्म को दिया था। उसने ही चर्च को दिखाने के बाद यह रिपोर्ट सार्वजनिक की थी।
पोप के सेक्रेटरी ने गफलत के लिए माफी मांगी थी
पोप ने पहले कहा था कि इन मामलों की चर्चा की बात उन्हें याद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि इन मामलों को हैंडल करने में उन्होंने किसी तरह की गलती नहीं की थी। इसके बाद उनके सेक्रेटरी जॉर्ज गेनस्वैन ने पोप के हवाले से नया बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था- कि पुराना बयान स्टेटमेंट में एडिटिंग की वजह से कुछ गलत हो गया था। इसके पीछे कोई गलत इरादा नहीं है। इसके लिए हम माफी चाहते हैं।