150 किमी प्रति घंटे की स्पीड से आ रही भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत की मर्सिडीज ने एक गाड़ी को ओवरटेक किया। फिर सामने एक गड्डा आ गया। इससे उनकी कार 5 फीट तक उछलकर पहले बस से टकराई...फिर डिवाइडर से और घिसटते हुए उसमें आग लग गई। ये कहना है हादसे के वक्त घटनास्थल पर मौजूद डॉ. रविंद्र सिंह और गंगा डेयरी में काम करने वाले आर्यन का।
घटनास्थल के पास दूध की डेयरी है। आर्यन ही वह कर्मचारी है, जो घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचा। इसी ने एंबुलेंस बुलाकर पंत को हॉस्पिटल पहुंचाने में मदद की। हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंची दैनिक भास्कर टीम ने इनसे बातचीत की। पहले पढ़िए, इन दोनों की आंखों देखी
पहला चश्मदीद: पूरा शरीर छिल गया, कपड़े फटे थे
गंगा डेयरी में काम करने वाले आर्यन ने बताया कि सुबह के 5:15 बज रहे होंगे। मैं गेट पर ही था, इतने में तेज ब्लास्ट की आवाज सुनाई दी। बाहर निकलकर देखा तो एक कार जल रही थी। भागते हुए उसके पास पहुंचा, देखा तो ऋषभ पंत कार से निकलकर बाहर पड़े थे। वे काफी घायल थे। पूरा शरीर छिल गया था, कपड़े फटे थे। शॉल जैसा कुछ ओढ़े बाहर बैठे थे।
आर्यन ने बताया कि पंत कार से करीब 50 मीटर की दूर पर पड़े थे। क्रिकेटर को घायल देख तत्काल एम्बुलेंस को मैंने फोन किया। एंबुलेंस आई और उन्हें हॉस्पिटल भेजा गया। कुछ लोग ऋषभ की कार के पास से पैसे उठा रहे थे तो हरियाणा डिपो की बस के कंडक्टर ने पैसे इकट्ठा कर ऋषभ के पास रखे।
दूसरा चश्मदीद: थ्री लेन की सड़क अचानक सिंगल लेन हो गई
डॉ. रविंद्र सिंह हादसे के वक्त सड़क किनारे से गुजर रहे थे। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त कार की स्पीड 150 किलोमीटर/घंटे की रही होगी। जहां हादसा हुआ, वहां हाईवे में काफी गड्ढे हैं। थ्री लाइन की सड़क आगे चल कर वन लाइन बन गई है। ऐसे में गड्ढे में कार उछलकर डिवाइडर से टकराई, फिर पोल से टकराई।
पूरी तरह बेकाबू हो चुकी मर्सिडीज सड़क के दूसरी साइड पर हरियाणा डिपो की बस से जा टकराई थी। इसके बाद कार हाइवे पर करीब 200 मीटर तक घिसटती चली गई और उसमें आग लग गई।