कोरोना का ख़ौफ़ बढ़ता जा रहा है। सरकार की तैयारियाँ सुन- सुनकर लोग डर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगले चालीस दिन में अगली लहर भारत को छू सकती है। देश में अब तक 43 विदेशी कोरोना पॉज़ीटिव पाए गए हैं। पिछली बार की बजाय इस बार सरकार ज़्यादा सावधानी बरत रही है। गुरुवार को ही सरकार ने छह देशों के लोगों के लिए 72 घंटे पहले की आरटी- पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है।
इन छह देशों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हान्गकांन्ग, थाईलैण्ड और सिंगापुर शामिल हैं। यहाँ से आने वाले लोग इन देशों के हों या भारतीय ही क्यों न हों, सबके लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। इस बीच कोरोना रोधी वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियाँ भी अपनी तैयारी में लग गई हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र सरकार को कोवीशील्ड के दो करोड़ डोज़ मुफ़्त देने की घोषणा की है। अब तक देश में सवा दो सौ करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं।
राज्य सरकारें भी कोरोना से निबटने की तैयारियाँ कर रही हैं। उत्तराखण्ड में स्कूली बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। बिहार में कोरोना पॉजीटिव केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हालाँकि इनकी संख्या काफ़ी कम है लेकिन बोध गया आने वालों के कारण यहाँ मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि जनवरी के मध्य से कोरोना मरीज़ों की संख्या में देशभर में तेज़ी आ सकती है। उनका कहना है कि अगले चालीस दिन देश के लिए भारी हो सकते हैं।
ताज़ा मरीज़, गया, उत्तर प्रदेश, मुंबई, चेन्नई और कर्नाटक में पाए गए हैं। इनमें ज़्यादातर लोग या तो विदेशी हैं या विदेश से लौटने वाले हैं। एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सावधानी बरतने के कारण इन पॉजीटिव लोगों की पहचान हो पा रही है। लेकिन एयरपोर्ट पर भी अभी दो प्रतिशत लोगों की ही रेण्डम जाँच की जा रही है। कुछ लोग ज़रूर फिसल जाते होंगे। यही वजह है कि मास्क लगाना ज़रूरी है।
वैसे हम भारतीयों को इसकी आदत कम ही है। सब जानते हैं कि फ़र्स्ट और सेकण्ड वैव के दौरान भी हम में से कई ने आधे अधूरे मास्क ही पहने थे। नाक के ऊपर मास्क चढ़ाने में हमारा दम घुटता था। कारण यही बताते रहे। अगर अगली वैव से बचना है तो बहाने नहीं चलेंगे। मास्क को प्रॉपर तरीक़े से लगाना ही होगा। इसके सिवाय कोई चारा नहीं है।
सही है, वैक्सीन के दो डोज़ और इसके बाद बूस्टर लगाने से हम भारतीय काफ़ी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं लेकिन हमें कोरोना के नए वेरिएंट का स्वभाव पता नहीं है। वह किस रूप में आ सकता है, किसी को इसकी खबर नहीं है। इसलिए सावधानी ही फ़िलहाल सबसे बड़े उपाय है। इस उपाय को हर भारतीय अपनाए तो कोरोना हमारा कुछ नहीं कर सकता।