राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। पूनिया जहां 2023 में BJP को सत्ता में लाने के लिए जनाक्रोश यात्रा निकाल रहे हैं। वहीं उन्हें हटाने को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। ऐसे में भविष्य की जिम्मेदारी और वसुंधरा राजे से नाराजगी समेत तमाम मुद्दों पर सतीश पूनिया ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। आप भी पढ़िए जनता के सवाल और BJP प्रदेश अध्यक्ष के जवाब।
सवाल- 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। क्या भविष्य में इसी पद पर जिम्मेदारी निभाएंगे
जवाब- मैं आगे अध्यक्ष रहूंगा या नहीं यह पार्टी को तय करना है। लेकिन मैं अपने 3 साल के कार्यकाल से पूरी तरह संतुष्ट हूं। क्योंकि जो जिम्मेदारी पार्टी ने मुझे दी थी। वह काफी चुनौतीपूर्ण थी। मैंने सदन से लेकर सड़क तक उस जिम्मेदारी को निभाया है। 49,000 बूथ पर आज पार्टी का संगठन एक्टिवेट हुआ हैं। मोर्चे पूरी तरह मुखर होकर काम कर रहे हैं। बिजली, कानून व्यवस्था से लेकर बेरोजगारी तक हर मोर्चे पर हमने सरकार को घेरने का काम किया है। इसलिए अब मेरी आगे की भूमिका पार्टी तय करेगी।
सवाल- जनाक्रोश यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई। कई बड़े नेता आपसे नाराज हैं। क्या आप पार्टी को एकजुट नहीं रख पाए?
जवाब- BJP कोर कमेटी के सदस्य, केंद्रीय मंत्रिमंडल के नेता और पार्टी के सभी पदाधिकारी 200 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ जा रहे हैं। एक्सेप्शनली वसुंधरा जी की अपनी व्यस्तता और पारिवारिक जिम्मेदारियां है। जिनकी वजह से वह शामिल नहीं हो पाई है। लेकिन पार्टी पूरी तरह से एकजुट और मुखर है।
हम कांग्रेस की तरह नहीं है। हमारी पार्टी में ना इस्तीफे देने की जरूरत है। ना बयानबाजी की और ना ही बाड़े-बंदी की। हम सभी संसदीय दल से बंधे हुए हैं। संसदीय दल का अनुशासन सब पर एक जैसे लागू होता है। चाहे मैं हूं, या फिर कोई और बड़ा नेता।
सवाल- राजस्थान में उपचुनाव हार के लिए आप को जिम्मेदार माना जा रहा है। आपसे कहां कमी रह गई?
जवाब- उपचुनाव हार की पार्टी कार्यकर्ता और जनता जो सजा मुझे देना चाहे मैं उसके लिए तैयार हूं। लेकिन राजस्थान में इस बार विधायकों के दिवंगत होने की वजह से उपचुनाव हुए। जिनमें 8 में से 6 विधायक कांग्रेस के थे। कांग्रेस ने उन्हीं परिवारों के सदस्यों को टिकट दिया। जिसका सहानुभूति के तौर पर उनको फायदा मिला और वह जीत गए। हमने भी जहां दिवंगत नेता के परिवार में से टिकट दी। वहां जीत मिली और जहां नहीं दी हमें हार का सामना करना पड़ा।
इनमें से अधिकांश विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे। जहां हमारी पार्टी शुरुआत से ही काफी कमजोर थी। जैसे सरदार शहर और वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र। ऐसे में मैं कैसे चमत्कार करता। हालांकि हमने जिला परिषद चुनाव में शानदार जीत हासिल की। राजस्थान के 33 में से 19 जिला परिषद पर बीजेपी को जीत मिली। जो अब से पहले कभी नहीं हुआ और ऐतिहासिक है।
सवाल- ओम प्रकाश माथुर ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा खूबसूरत होगा। मेरे फैसले को प्रधानमंत्री मोदी भी चुनौती नहीं देंगे?
जवाब- इस बात का जवाब तो ओम माथुर ही अच्छे तरीके से दे पाएंगे। मुझे इस पर कुछ नहीं कहना। हां पार्टी अच्छे से चल रही है।
सवाल- वरिष्ठ नेताओं की इस तरह बयानबाजी से क्या पार्टी को नुकसान होगा?
जवाब- बड़े नेताओं को लेकर फैसला केंद्रीय नेतृत्व को ही करना पड़ता है।
सवाल- पार्टी में चर्चा है कि इस बार आप विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे?
जवाब- यह पार्टी को ही तय करना है कि भविष्य में मुझे क्या करना है। मैंने अपने बारे में ना पहले कभी तय किया ना अभी किया ना ही भविष्य में करूंगा। पार्टी मुझे जो भी भूमिका और जिम्मेदारी दे कि मैं बस वही काम करूंगा।
सवाल- राजस्थान में लगातार पेपर लीक और रद्द हो रहे है। बीजेपी भविष्य में इस पर क्या करने वाली है?
जवाब- नकल, पेपर लीक और पेपर रद्द होना राजस्थान का सबसे गंभीर मसला है। जो पाप की तरह है। इससे परेशान होकर जिस भी व्यक्ति ने आत्महत्या की है। उसके लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। पेपर लीक प्रकरण पर हमने सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन किया। 7 दिन तक विधानसभा ठप्प रही। सरकार को सदन छोड़ भागना पड़ा। युवा मोर्चा ने सड़क पर लड़ाई लड़ी। जो आगे भी जारी रहेगी।
मंत्री राजेंद्र ने भी नैतिक साहस दिखाते हुए पेपर लीक लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जो पूरी तरीके से सही है। क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने बड़े स्तर पर पेपर लीक नहीं हो सकता। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेसी नेता अपने कार्यकर्ताओं को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए नकल गिरोह के साथ मिल पेपर लीक करवा रहे हैं।
सवाल- केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार थी। लेकिन तक रॉबर्ट वाड्रा मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
जवाब- अशोक गहलोत के लिए ना खाता है, ना बही है। जो सोनिया गांधी कह दे वही सही है। इसलिए उन्होंने कांग्रेस के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को गैरकानूनी तरीके से राजस्थान के किसानों की जमीन दी थी। जिसको लेकर हमारी पार्टी ने विरोध किया था। जब हम सत्ता में थे। तब हाई प्रोफाइल केस होने की वजह से इस पर लीगल एक्शन में कुछ वक्त लगा था। लेकिन अब फिर से यह मामला कोर्ट में है। ऐसे में हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी से सवाल पूछते हैं कि आखिर राजस्थान के किसानों की जमीन रॉबर्ट वाड्रा को नियमों के विपरीत जाकर क्यों दी गई।
सवाल- सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी की भगवान राम से तुलना की है। क्या कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ जा रही है
जवाब- राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राहुल गांधी की महात्मा गांधी से तुलना की थी। जिसपर राहुल गांधी ने ऐतराज जताया था। वहीं अब जय श्री राम और जय सियाराम के नारे में अंतर नहीं जानने वाले सलमान खुर्शीद ने भगवान राम से राहुल की तुलना की है। जो पूरी तरह गलत है। जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। तब इन्हीं लोगों को राम जन्मभूमि और रामसेतु पर एतराज था। जो अब जय सियाराम के नारे लगा रहे है।
सवाल- 3 साल के कार्यकाल में ऐसा क्या था। जो आप अब तक नहीं कर पाए
जवाब- हमारी भूमिका 1 साल में बदल जाएगी। यह चुनावी साल है। इसलिए हमारी प्राथमिकता रहेगी, कि हम आक्रामक तरीके और अच्छी मैनेजमेंट के साथ चुनाव लड़े। ताकि बहुमत से हमारी सरकार बने। बदलती भूमिका को लेकर मैं कह सकता हूं कि 2023 राजस्थान के नवनिर्माण का युग होगा। लोग गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के उदाहरण देते हैं। मैं चाहता हूं कि हमारी सरकार इतना अच्छा काम करें कि राजस्थान का उदाहरण देशभर में दिया जाए।
हमारे यहां खेती, पशुपालन, डेयरी, खनिज, पर्यटन सभी में काफी पोटेंशियल है। कुछ नीतिगत तौर पर हमें अच्छी योजनाएं बनानी पड़ेगी। जिनमें नौजवानों की रोजगार की विसंगतियों को दूर करेंगे। किसानों के लिए ऐसी व्यवस्था करेंगे, जिससे उन्हें साहूकार के कर्जे में ना फंसना ना पड़े। हर तीसरा पर्यटक देश का राजस्थान घूमने आता है। इसलिए पर्यटन राजस्थान की आर्थिक ताकत बने। इसको लेकर हमारा फोकस और नीति रहेगी।