बजट पर सुझाव देने के लिए बुलाए गए कांग्रेस के एक दिन के अधिवेशन में सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दी है। CM ने कहा, यह कहना बंद कर दीजिए कि हमारी सरकार रिपीट नहीं हो रही है। यदि हम रिपीट करेंगे तो यह राजस्थान नहीं बल्कि देश के लिए होगा। जो नेता खुद के मुंह से पार्टी के लिए उलटी बात कहे, वह पार्टी का वफादार नहीं है। पार्टी के प्रति वफादार रहो, निष्ठावान रहो, समर्पित रहो और धैर्य रखो। ईमानदारी उसी में है। सबको पद मिल नहीं सकते।
गलतियां सबसे होती हैं। हुई होंगी, नेता कार्यकर्ता नाराज होते हैं, लेकिन हम तय कर लें कि पार्टी हित में सब कुछ भूलकर सरकार दोबारा बनवानी है। हम अगर निकल जाएंगे और एक स्वर में बोलेंगे तो सरकार जरूर फिर से बनेगी। पर खुद के मुंह से उलटी बात करेंगे तो कुछ नहीं होगा। जो ऐसा बोलता है, वह कांग्रेस का वफादार नहीं है।
नीरज डांगी बैठा है, इसने सोचा था, क्या राज्यसभा सांसद बन जाएगा
गहलोत ने कहा, सबको पद मिल नहीं सकता है। सोनिया गांधी ने कहा था कि धैर्य रखने वाले को कांग्रेस में पद मिलता ही मिलता है। गहलोत ने राज्यसभा सांसद नीरज डांगी की तरफ इशारा करते हुए कहा, यह नीरज डांगी बैठा है। इसने कभी सोचा था कि यह राज्यसभा का मेंबर बन जाएगा। यह सोनिया गांधी की भावना थी। कब किसके ऊपर नजर चली जाए और मौका मिल जाए। मैं भी नहीं जानता था कि एक दिन मुख्यमंत्री बनूंगा।
पार्टी में अनुशासन नहीं है तो सही नहीं
गहलोत ने कहा कि पार्टी में अनुशासन नहीं है तो यह सही नहीं है। जो पार्टी के प्रति निष्ठा रखता है तो वह नहीं चाहेगा कि पार्टी कमजोर हो। जब मैं दिल्ली का प्रभारी था तब कहा जा रहा था कि तीसरी बार सरकार बनना मुश्किल है, लेकिन मैंने नेताओं से कहा कि जब आप खुद ही कहोगे कि मुश्किल है तो सरकार कैसे बनेगी? आखिरकार वहां तीसरी बार भी सरकार बनी और मतभेद होने के बावजूद शीला दीक्षित ने कहा कि आपने जो कहा, उससे माहौल बदला।
सीएम ने कहा, हम एक स्वर में बोलेंगे तो सरकार जरूर फिर बनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि गलतियां सबसे होती हैं, हुई होंगी, नेता कार्यकर्ता नाराज होते हैं, लेकिन हम तय कर लें कि पार्टी हित में सब कुछ भूलकर फिर से सत्ता हासिल करना है। हम अगर निकल जाएंगे और एक स्वर में बोलेंगे तो कामयाबी मिलेगी।
नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान लगाने निकल पड़ना है
उन्होंने कहा- जाति के नाम पर राजनीति करना आसान होता है। धर्म के नाम पर दंगे कराना आसान होता है। दंगों को रोकना मुश्किल होता है। आग दिलों में लगे या कही लगे वो पाप है, इसीलिए राहुल गांधी ने प्यार मोहब्बत की बात करते हैं। उन्होंने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान की बात कह कर भाजपा की धज्जियां उड़ा दी है। पूरा देश समझ गया कि राहुल की यात्रा का सार क्या है। हम सबको यही दुकान लगाने के लिए चल पडना है। स्वीकार करना चाहिए कि जनता से संपर्क कम हुआ है।
हमारा जनता से संपर्क कम हो गया
उन्होंने आगे कहा- हमारा जनता से संपर्क कम हो गया है। यह बात कड़वी लग सकती है, लेकिन यह जरूरी है। जितना ज्यादा संपर्क होगा, उतना ही पार्टी मजबूत होगी। राहुल गांधी ने जो कमियां बताई हैं, उन्हें स्वीकार करना चाहिए। हमें भी चुनौती स्वीकार करनी चाहिए। कांग्रेस की सरकार बनती है तो पूरे देश में माहौल बनेगा। राजस्थान में कांग्रेस इस बार यहां के लिए नहीं पूरे देश के लिए जीतेगी।
गहलाेत ने पहले पीसीसी में भी इसी लाइन पर बयान दिया था। राहुल गांधी ने उदयपुर चिंतन शिविर और उसके बाद कई बार इस बयान को दोहराया है।