मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस इस बार कई सीटों पर 6 महीने पहले ही कैंडिडेट घोषित करने वाली है। पार्टी ने प्रदेश की 230 सीटों पर दूसरा इंटरनल सर्वे करा लिया है। सर्वे की अंतिम रिपोर्ट फरवरी में आएगी, इसके मुताबिक कांग्रेस ने मौजूदा 95 विधायकों में 37 विधायक और 17 पूर्व मंत्रियों की ग्राउंड स्थिति मजबूत पाई है। इन्हें चुनावी तैयारी करने के लिए भी कह दिया गया है।
सर्वे में 69 सीटों पर चुनाव से 6 महीने पहले कैंडिडेट घोषित करने की सिफारिश की गई है। ये वे सीटें हैं जहां पार्टी बहुत कमजोर नहीं है। प्रत्याशी को लंबा वक्त मिला तो वह अपने पक्ष में माहौल बनाने में कामयाब हो सकता है। एक बात यह भी निकलकर आई है कि जहां भाजपा मजबूत स्थिति में है, वहां बड़े नेताओं की जगह उनके बेटों को उतारा जाएं। पार्टी के इंटरनल सर्वे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कोई कमेंट नहीं किया। बस इतना कहा- हमारा फोकस पिछले दो चुनाव में हारी सीटों पर जीत तय करना है। सर्वे में मौजूदा विधायकों में 54 की स्थिति बेहतर पाई है। शेष 41 सीटों पर पार्टी अगले कुछ महीनों में निर्णय लेने की स्थिति में होगी।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा- चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखकर प्रदेश अध्यक्ष विधानसभावार जनता की राय जानने के लिए सर्वे कराते हैं। जिलों के अध्यक्ष से लेकर ब्लॉक लेवल तक के पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाता है। पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने कहा- कमलनाथ सर्वे कराते हैं, इसका फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है। 2018 के चुनाव हो या नगरीय निकाय चुनाव, सर्वे से कांग्रेस को सफलता मिली।
इन पूर्व मंत्रियों की स्थिति बेहतर मिली
डॉ. गोविंद सिंह लहार, विजय लक्ष्मी साधौ महेश्वर, बाला बच्चन राजपुर, कमलेश्वर पटेल सिंहावल, सज्जन सिंह वर्मा सोनकच्छ जीतू पटवारी राऊ, तरुण भनोट जबलपुर पश्चिम, लखन घनघोरिया जबलपुर पूर्व, जयवर्धन सिंह राघोगढ़, सुखदेव पांसे मुलताई, प्रियव्रत सिंह खिलचीपुर, पीसी शर्मा भोपाल दक्षिण-पश्चिम, ओंकार सिंह मरकाम डिंडौरी, लाखन सिंह यादव भितरवार, हुकुम सिंह कराडा शाजापुर, सचिन यादव कसरावद, हर्ष यादव देवरी शामिल हैं।
इन 37 विधायकों से कहा- तैयारी करो
सतीश सिकरवार ग्वालियर पूर्व, अजब सिंह कुशवाह सुमावली, प्रवीण पाठक ग्वालियर दक्षिण, सुरेश राजे डबरा, घनश्याम सिंह सेंवढ़ा, केपी सिंह पिछोर, लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा, गोपाल सिंह चौहान चंदेरी, विक्रम सिंह राजनगर, आलोक चतुर्वेदी छतरपुर, कल्पना वर्मा रैंगांव, नीलांशु चतुर्वेदी चित्रकूट, सुनील सराफ कोतमा, विनय सक्सेना जबलपुर उत्तर आरिफ मसूद भोपाल मध्य, हिना कांवरे लांजी, संजय शुक्ला इंदोर -1, डाॅ. योगेंद्र सिंह लखनादौन, संजय शर्मा तेंदूखेड़ा, निलय डागा बैतूल, शशांक भार्गव विदिशा, विजय चौरे सौंसर, कमलेश शाह अमरवाड़ा, सुनील उइके जुन्नारदेव, विपिन वानखेड़े आगर, कुणाल चौधरी कालापीपल, प्रताप ग्रेवाल सरदारपुर, पांछीलाल मेड़ा धरमपुरी, महेश परमार तराना, रामलाल मालवीय घटि्टया और दिलीप गुर्जर नागदा-खाचरोद, अजय टंडन दमोह, राकेश मवई मुरैना और मेवाराम जाटव गोहद, फुंदेलाल मार्कों पुष्पराजगढ़, नारायण सिंह पट्टा बिछिया और शिवदयाल बागरी गुन्नौर शामिल हैं।
जीतने के लिए 6 महीने पहले उम्मीदवार तय करने की सिफारिश
सर्वे रिपोर्ट में ऐसी 69 सीटें जहां कांग्रेस वर्षों से नहीं जीती है, उन पर 6 महीने पहले उम्मीदवार तय करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा है कि यहां उम्मीदवारों के पास जनता के पास जाने का पर्याप्त समय होना चाहिए। इतना ही नहीं यहां के लिए अभी से पार्टी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाए। 69 सीटों पर पहले से उम्मीदवार तय न भी हो तो मुख्य रूप से रीवा, ग्वालियर ग्रामीण, गोविंदपुरा, मंदसौर, इंदौर-4, उज्जैन उत्तर, रतलाम शहर, होशंगाबाद, पिपरिया, खंडवा, जबलपुर कैंट व बालाघाट सीटों पर चुनाव से 6-7 महीने पहले प्रत्याशी तय किए जाना चाहिए।
इन सीटों के लिए सिफारिश: डाॅ. आंबेडकर नगर महू, इंदौर-2, इंदौर-4, इंदौर-5, नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया, भोजपुर, बुधनी, आष्टा, सीहोर, रामपुरबघेलान, रीवा, सीधी, सिंगरौली, देवसर, बिजावर, चांदला, पथरिया, हटा, सिरमौर, सेमरिया, त्योंथर, धौहनी, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जयसिंह नगर, रेहली, सागर, बीना, नरयावली, गुना, शिवपुरी, दतिया, जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, कुरवाई, शमशाबाद, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर,बागली, हरसूद, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, देवास, खातेगांव, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मंदसौर, मल्हारगढ़, नीमच और जावद सीट पर छह महीने पहले नाम तय करने की सलाह दी गई है।
महिला कांग्रेस घर-घर जाकर हारने वाली सीटों पर माहौल बनाएगी
जिन सीटों पर कांग्रेस की लगातार हार हो रही है, वहां कांग्रेस नई रणनीति से काम करेगी। महिला कांग्रेस को इन सीटों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वे घर-घर जाकर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेगी। प्रदेश संगठन मतदान केंद्र स्तर तक महिला कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देगा। महिला कांग्रेस की एक प्रदेश पदाधिकारी ने कहा- कमजोर सीटों पर अधिक फोकस करेंगे। स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही आगे रखा जाएगा, क्योंकि इनके मतदान केंद्र स्तर पर व्यक्तिगत संबंध रहते हैं।