मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव के समय मेरी फोटो दिखाकर लोधियों के वोट लिए जाते हैं। सभाओं में मैं भाजपा के लिए वोट मांगूंगी, क्योंकि मैं पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं। फिर भी आप अपना हित देखकर वोट देना, क्योंकि आप भाजपा के निष्ठावान सिपाही नहीं हैं।
उमा भारती रविवार को लोधी-लोधा समाज युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुईं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संबोधित भी किया। इसका वीडियो मंगलवार को सामने आया। कार्यक्रम के दौरान भाजपा से निकाले जाने का उनका दर्द भी फिर छलक उठा। परिचय सम्मेलन के दौरान उमा भारती बेबाकी से बोलीं।
मेरे कहने पर भी वोट अपने हिसाब से देना
उमा ने कहा- मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी। लोगों का वोट भी मांगूंगी। मैं कभी नहीं कहती कि लोधियों, तुम भाजपा को वोट करो। मैं तो सबको कहती हूं कि तुम भाजपा को वोट करो, क्योंकि मैं तो पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं। मैं आप से नहीं कहती कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही रहो। आपको अपने हित देखना है। हम प्यार के बंधन में बंधे हैं, लेकिन राजनीति के बंधन से आप आजाद हैं। मैं आऊंगी उम्मीदवार के पक्ष में बोलूंगी, वोट मांगूंगी। लेकिन, आपको उसी उम्मीदवार को वोट देना है, जिसने आपका सम्मान रखा हो, जिसने आपको उचित स्थान दिया हो।
लोधी समाज के लोगों को दी सलाह
उमा भारती ने कहा कि मैं कई बार कह चुकी हूं कि जब मैं प्रचार करने आती हूं, तो मेरा आग्रह है कि मुझे फोन नहीं करना कि यहां मत आइए। मुझे सब जगह जाना होता है, लेकिन भाषण सुनने के बाद भी आपको तय करना है कि आपको वोट देना है या नहीं। मैं आपको कई बार इस बंधन से मुक्त कर चुकी हूं कि मेरा फोटो देखकर, भाषण सुनकर वोट नहीं दें। मैं आपको गिरवी नहीं रख सकती। मेरी सभा के बाद आपको पट्टे में लिख दिया गया है, यह मैं नहीं कर सकती।
27 सीटों पर लोधी, जिसे चाहें जिता सकते हैं
उमा भारती ने कहा- आपका वोट बहुत है। करीब 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिनमें से 27 में आप जिसको चाहो जिता सकते हैं। यूपी में 70 सीटें हैं। राजस्थान, उप्र और मध्यप्रदेश को जोड़ दिया जाए, तो 30-40 लोकसभा सीटों पर लोधियों का अधिपत्य है। आपको फोटो दिखा दिया जाता है, उमा भारती और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह का। वैसे, मेरा फोटो कभी नहीं दिखाते, लेकिन चुनाव में जरूर दिखाया जाएगा। कल्याण सिंह का भी यही हाल है। उनकी फोटो भी चुनाव के समय दिखाई जाती है।
ऐसे में आपका दिल आ जाता है कि हमारा नेता जिधर है, हम भी उधर हैं। नहीं, आपको अपने अधिकार और शान के लिए लड़ना है। आज मैं आपको बोल रही हूं। मैं किसी जाति की नहीं हूं। सन्यासी की जाति नहीं होती, लेकिन किसी जाति का तो मुझ पर अधिकार है, जिसने मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया है। मैं अपने वंश और कुल को कैसे ठुकरा सकती हूं। उसका तो खून मेरे अंदर बह रहा है। उसे मैं कैसे नकार सकती हूं। ऐसा करने पर मेरा वजूद ही मिट जाएगा।
उमा ने शेर सुनाते हुए कहा- मैं हमेशा एक शेर सुनाती हूं ...ये तेरा ही नूर है, जो चमकता है मेरे चेहरे पर, वरना मुझे कौन पूछता है। उमा ने कहा कि आपको मैं खुलकर बोल रही हूं, आपको किसी के पट्टे में नहीं लिख गए हो। मैंने आपकी किसी को रजिस्ट्री नहीं की है। आपको जीतने की रणनीति में रहना है कि हमारा स्थान, सम्मान पूछपरख कितनी है, हमारी सीटें कितनी हैं।