कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने दो दिन पहले राहुल गांधी को भगवान राम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भरत बताया था। राहुल को सुपर ह्यूमन बताते हुए खुर्शीद ने कहा था कि जब लोग ठंड में ठिठुर रहे हैं और जैकेट पहन रहे हैं, उस समय राहुल टी-शर्ट में देशभर की यात्रा कर रहे हैं।
राहुल की भगवान राम से तुलना पर भाजपा ने नाराजगी जताई। BJP सांसद दुष्यंत गौतम ने कहा कि राहुल अगर राम हैं तो उनकी सेना बिना कपड़ों के क्यों नहीं घूमती। कांग्रेसियों को तो बिना कपड़ों के घूमना चाहिए, जैसे भगवान राम की वानर सेना करती थी।
उधर, कोरोना की पहली नेजल वैक्सीन जनवरी के अगले हफ्ते से उपलब्ध हो जाएगी। बूस्टर डोज के तौर पर ली जाने वाली भारत बायोटेक की यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपए में लगवाई जा सकेगी। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपए चुकाने होंगे।
आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर होगी नजर
भाजपा विस्तारकों के लिए हैदराबाद में ट्रेनिंग कैंप का आयोजन।
पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मुकाबले का तीसरा दिन।
सा. अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मुकाबले का तीसरा दिन।
1. राहुल की भगवान से तुलना पर विवाद, खुर्शीद बोले- क्या तारीफ सिर्फ एक ही पार्टी कर सकती है?
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी की तुलना भगवान राम से की थी। इस पर BJP सांसद दुष्यंत गौतम ने कहा कि राहुल अपनी सेना को बताएं कि वो क्या लेते हैं, जिससे उन्हें सर्दी नहीं लगती। उस प्रसाद के बारे में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बताना चाहिए।
उधर, गाजियाबाद में खुर्शीद ने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान से तुलना न किसी की हो सकती है न मैं कर सकता हूं। लेकिन जो भगवान की राह पर चलता है उसकी सराहना मैं जरूर करूंगा। अगर किसी में मर्यादा पुरुषोत्तम देखें तो क्या उसकी हम तारीफ नहीं कर सकते. क्या तारीफ सिर्फ एक ही पार्टी कर सकती है?
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2. इन्फेक्शन-ट्रांसमिशन ब्लॉक करेगी नेजल वैक्सीन, 3 डोज ले चुके लोगों को अतिरिक्त डोज की जरूरत नहीं
कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन को वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन WUSM के साथ मिलकर बनाया है। इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसका नाम BBV154 था। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है।
इस वैक्सीन में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लिया जा सकेगा। सरकार ने यह भी कहा है कि जिसने तीन डोज ले लिए हैं, उन्हें अतिरिक्त डोज की जरूरत नहीं है। सिर्फ 3 ही डोज पर्याप्त हैं।