बीजिंग. चीन में अचानक से कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी वास्तव में इसके वैक्सीन की प्रभावशीलता की कमी को दिखाता है और वैश्विक चिंताओं को बढ़ावा देता है, विशेष रूप से उन देशों में जहां बीजिंग के टीकों को स्वीकार किया गया है. तिब्बत प्रेस ने यह जानकारी दी. समाचार रिपोर्ट के अनुसार तुर्की सरकार, जिसने शुरू में चीनी टीकों को स्वीकार किया था, अब इसके असर की जांच कर रही है क्योंकि यह पता चला है कि चीन द्वारा इसके वैक्सीन के साइड इफेक्ट के आंकड़ों से छेड़छाड़ की गई थी. चीन में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 महामारी की लहर देखने को मिल रही है.
दिसंबर 2020 में, इंडोनेशिया और ब्राजील ने शुरुआत में चीनी टीकों में 97 प्रतिशत और 78 प्रतिशत प्रभावकारिता की सूचना दी थी. 2021 में, इंडोनेशिया और ब्राजील ने प्रभावकारिता को घटाकर 65 प्रतिशत और 50.4 प्रतिशत कर दिया. इसके बाद दोनों देशों ने कोविड वैक्सीन के अहम दुष्प्रभावों पर चिंता जताई थी. तिब्बत प्रेस के अनुसार, कोलिड-19 मामलों और इससे होने वाली मौतों के बढ़ने के बाद, थाईलैंड और सिंगापुर ने चीनी टीकों का इस्तेमाल बंद कर दिया और एस्ट्राजेनेक और फाइजर द्वारा बनाए गए वैक्सीन का उपयोग करना शुरू कर दिया.
2022 तक दुनिया भर में चीनी वैक्सीन के 3.5 अरब से अधिक खुराक बांटे गए
2021 तक, चीन ने अपने नागरिकों को 2.4 अरब खुराक दी और दुनिया भर में लगभग 1.3 अरब वैक्सीन खुराक बांटी गई. 2022 तक, सिनोफार्म ने दुनिया भर में 3.5 अरब से अधिक खुराक बांटने का दावा किया है. समाचार रिपोर्ट के अनुसार, चीनी टीकों के अधिकांश आयात इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, तुर्की, ईरान, फिलीपींस, मोरक्को, थाईलैंड, अर्जेंटीना, वेनेजुएला, कंबोडिया, श्रीलंका, चिली, मैक्सिको और बांग्लादेश द्वारा किए गए थे.
चीनी टीकों के इंजेक्शन का बुरा असर
तिब्बत प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हेबेई प्रांत के बाओडिंग शहर में लैशुई काउंटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा प्रकाशित कोविड-19 टीकों के प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की सांख्यिकीय तालिका 2022के अनुसार, चीनी टीकों के इंजेक्शन वाले लोगों को बुखार, मतली, दस्त, और अधिक मौतों सहित कई हानिकर प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा है.