मेरठ. यूपी की योगी सरकार 2.0 में अपराधी और माफियाओं के खिलाफ जमकर कार्रवाई हो रही है. लेकिन सबसे ज्यादा कार्रवाई की अगर बात करें तो पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ रेंज में हुई है. साल 2022 में जहां योगी सरकार 2.0 के दौरान अपराधियों और माफियाओं की करीब एक अरब 63 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. इतना ही नहीं रेंज के तीन बड़े माफियाओं की करीब 7 करोड़ 25 लाख की प्रॉपर्टी को बाबा के बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया है.
दिल्ली से सटे एनसीआर का एक बड़ा हिस्सा मेरठ रेंज में आता है जहां अपराध और अपराधियों के खात्मे को लेकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार के अनुसार, मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर की बात करें तो उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी राज कायम होने के बाद अब तक माफियाओं की एक अरब 62 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्की जा चुकी है.
इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े माफियाओं को चिन्हित करके उनकी और उनकी गिरोह से जुड़े दूसरे लोगों की करीब 7.25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर सरकारी बुलडोजर चल चुका है. जिन पर कार्रवाई हुई उनमें सबसे बड़े नाम बदन सिंह बद्दो, अंतरराष्ट्रीय गौ तस्कर अकबर बंजारा, वाहन माफिया गला और ड्रग्स माफिया तस्लीम का है.
इनके अलावा मेरठ में 2 माफियाओं की करीब 5 करोड़ 25 लाख की प्रॉपर्टी पर बाबा का बुलडोजर चल चुका है. पश्चिम उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा कलंक मेरठ के सोतीगंज का था. मेरठ के इस सोतीगंज में पिछले करीब 3 दशकों से चोरी के वाहनों का काला कारोबार चल रहा था; जिसे योगीराज में जड़ से खत्म कर दिया गया. इतना ही नहीं पुलिस ने सोतीगंज पर सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 70 से ज्यादा कुख्यात वाहन चोर और वाहन माफियाओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. वाहन माफियाओं की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर ली गई.
योगी सरकार 2.0 में अपराधियों में खौफ इस कदर रहा कि उन्होंने अपने धंधे बदल लिए. कल तक जो दुकानें चोरी के वाहनों के सामान से भरी रहती थीं आज उनमें कपड़े और राशन का सामान बिक रहे हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले में योगी सरकार और मेरठ पुलिस की तारीफ की.
उत्तर प्रदेश में सरकारे पहले भी बनी और प्रदेश भी चला, लेकिन नेताओं और अपराधियों की गठजोड़ में उत्तर प्रदेश में अपराधराज कायम कर दिया था. लेकिन, अब उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का बीड़ा योगी सरकार ने उठाया है. योगी सरकार 2.0 में अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने पर शासन का फोकस है; ताकि जरायम की दुनिया चलाने वाले या तो प्रदेश से बाहर चले जाएं या फिर अपराध की दुनिया से किनारा कर ले क्योंकि बाबा किसी को बख्शने के मूड में नहीं हैं.